कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के एक ऐसा खुलासा किया है, जिससे बंगाल की राजनीति में फिर भूचाल आ सकता है. चौथे चरण के मतदान से पहले इडी ने सीधे-सीधे ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को कटघरे में खड़ा किया है. एजेंसी का दावा है कि कोयला के अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किये गये बांकुड़ा के आइसी अशोक मिश्रा के जरिये अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली को लंदन और थाईलैंड में करोड़ों रुपये भेजे गये.
जांच एजेंसी ने स्पेशल कोर्ट को यह जानकारी दी है. इडी ने बांकुड़ा थाना के आइसी अशोक मिश्रा कोयला तस्करी के सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला का करीबी बताया जाता है. अशोक मिश्रा के बारे में कहा जा रहा है कि वह अभिषेक बनर्जी के करीबी तृणमूल युवा नेता विनय मिश्रा का रिश्तेदार भी है. ED का दावा है कि अशोक मिश्रा ने बताया है कि तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता विनय मिश्र के मार्फत अनूप मांझी ने ये पैसे ट्रांसफर करवाये.
इडी ने यह भी दावा किया है कि अशोक मिश्रा ने स्वीकार किया है कि उसने विनय मिश्रा के कहने पर करीब 1-1.5 करोड़ रुपये दिल्ली पहुंचाने की व्यवस्था की थी. ये पैसे अनूप मांझी ने नीरज सिंह (मांझी के अकाउंटेंट) के जरिये भिजवाये थे. इडी ने कोर्ट को यह भी बताया कि अशोक मिश्रा ने कहा है कि विनय मिश्रा तृणमूल कांग्रेस का सचिव था और सांसद अभिषेक बनर्जी का करीबी था.
जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि अशोक मिश्रा ने स्वीकार किया है कि अभिषेक बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं और विनय मिश्रा की उन तक पहुंच की वजह से उस पर राजनीतिक दबाव था कि वह (अशोक) उसका (विनय का) कहना माने. यदि वह ऐसा नहीं करता, तो उसका कैरियर बर्बाद कर दिया जाता. यही वजह है कि उसने पैसे ट्रांसफर करने में मदद की.
इडी ने कहा है कि नन-बैंकिंग चैनल से अशोक मिश्रा ने अभिषेक बनर्जी के करीबी रिश्तेदारों तक भारत से लंदन पैसे पहुंचाने की व्यवस्था की. थाईलैंड में जिसे पैसे दिये गये, वह रुजिरा बनर्जी से संबंधित है और अभिषेक बनर्जी की बेहद करीबी रिश्तेदार है. इडी का दावा है कि नीरज सिंह ने पैसे दिये, जिसे अभिषेक बनर्जी की करीबी रिश्तेदार (साली और पत्नी) को लंदन और थाईलैंड के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया.
जांच एजेंसी ने कहा है कि नीरज सिंह के पास उपलब्ध रिकॉर्ड और अन्य डिजिटल सबूतों से पता चलता है कि अवैध कोयला खनन और उसकी तस्करी से जुड़े इस आपराधिक मामले में अशोक मिश्रा को 109 दिन में 168 करोड़ रुपये मिले. इतना ही नहीं, रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि दो साल में अनूप मांझी ने कोयले के अवैध खनन से 1,352 करोड़ रुपये बनाये.
अनूप मांझी के एक करीबी राजदार के हवाले से इडी ने कोर्ट को बताया कि अशोक मिश्रा के जरिये पश्चिम बंगाल की राजनीतिक पार्टियों के सीनियर नेताओं को मैनेज किया गया. इडी ने कहा है कि राजदार ने अपने बयान में यह भी कहा है कि सत्ताधारी पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को बर्बाद करने के लिए भी पैसे बांटे गये.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि यह केस केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की एक एफआइआर पर आधारित है. 27 नवंबर 2020 को सीबीआइ की कोलकाता स्थित एंटी करप्शन ब्रांच ने ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के लीजहोल्ड एरिया में अवैध खनन के मामले में एक केस दर्ज किया था. इसीएल कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक इकाई है, जो पश्चिम बंगाल और झारखंड में खनन कार्य करती है. इस मामले में इडी ने पिछले दिनों अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और उसकी बहन से भी पूछताछ की थी.
Posted By : Mithilesh Jha