मवेशी एवं कोयला तस्करी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) अधिकारियों के बुलावे पर लगातार तीसरी बार अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल बुधवार को फिर से दिल्ली में इडी दफ्तर में नहीं पहुंची. सुकन्या को इस सप्ताह बुधवार को दिल्ली में इडी कार्यालय में बुलाया गया था. इडी सूत्र बताते हैं कि सुकन्या ने इमेल के जरिये शारीरिक बीमारी का हवाला देकर इडी कार्यालय आने में असमर्थता जाहिर की है. यह लेकर सुकन्या ने तीसरी बार इडी दफ्तर आने में असमर्थ होने की जानकारी दी है. वह कुछ और समय मांग रही है.
इडी सूत्र बताते हैं कि सुकन्या को अनुब्रत और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों के बारे में पूछताछ करने के लिए भी तलब किया था. सिर्फ सुकन्या ही नहीं उनके कार चालक तूफान मिद्दा, युवा तृणमूल नेता कृपामय घोष को भी दिल्ली में तलब किया गया था. सूत्रों का कहना है कि इडी की ओर से गौ तस्करी मामले की जांच के बाद कुछ नयी जानकारी सामने आयी है. इनमें कई बैंकों से कई लेनदेन की जानकारी सामने आयी है. कई संपत्तियां भी मिली हैं.
सुकन्या प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका हैं, इस नौकरी में कम आमदनी होने के बावजूद सुकन्या के नाम पर करोड़ों का फिक्स्ड डिपॉजिट है. इसके अलावा, सुकन्या बोलपुर में कालिकापुर भोलेबोम राइस मिल की निदेशक भी हैं. सुकन्या इतनी बड़ी संपत्ति की मालकिन कैसे है, इस बारे में उनसे पूछताछ करने के लिए उन्हें बार-बार इडी की तरफ से दिल्ली बुलाया जा रहा है.
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राज्य के शिक्षा विभाग में नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर कक्षा 9 व 10 के 952 शिक्षक व ग्रुप डी के 842 शिक्षकों की नौकरी चली गयी है. कलकत्ता हाइकोर्ट के इस आदेश को नौकरी गंवाने वालों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हालांंकि, मामले की सुनवाई के दौरान नौकरी गंवाने वालों के भविष्य का फैसला नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखी है और कहा कि मामले की सुनवाई पूरी होने पर यथास्थिति बरकरार रहेगी.
इस दिन याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उनकी नौकरी रद्द करने की प्रक्रिया वैध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि आगे सुनवाई की जरूरत है. वहीं, मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट द्वारा गठित आरके बाग कमेटी की रिपोर्ट तलब की गयी. इस संबंध में वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगली सुनवाई तक नौकरी गंवाने वालों को बहाल नहीं किया जा सकता है.
नतीजतन, जटिलताएं अभी भी बनी हुई हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को है.