पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक को प्रवर्तन निदेशालय ने 11वीं बार भेजा नोटिस, 28 जून को पेश होने को कहा

पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक को एक बार फिर ईडी ने नोटिस भेजा है. उन्हें 28 जून को दिल्ली के ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. अगर इस बार वह ईडी की जांच में सहयोग नहीं करेंगे, तो सुप्रीम कोर्ट में उनके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी शिकायत करेगी.

By Mithilesh Jha | June 23, 2023 6:15 PM
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक को 11वीं बार समन जारी करके कोयला चोरी मामले की जांच के सिलसिले में 28 जून को नयी दिल्ली में अपने अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि आसनसोल उत्तर से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक को केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा गया है.

ईडी ने कानून मंत्री को 28 जून को नयी दिल्ली बुलाया

मलय घटक 19 जून को नयी दिल्ली स्थित कार्यालय में ईडी अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे. अधिकारी ने बताया कि कानून मंत्री को 28 जून को नयी दिल्ली में हमारे अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. उन्हें 19 जून को पेश होना था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घोटाले में पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री मलय घटक की क्या भूमिका थी. हमारे पास इसमें उसकी संलिप्तता के सबूत हैं.

अब तक दो बार ईडी के सामने पेश हुए हैं मलय घटक

इस सिलसिले में पूछताछ के लिए पश्चिम बंगाल के मंत्री अब तक दो बार ईडी अधिकारियों के सामने पेश हो चुके हैं. पिछले साल सितंबर में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोलकाता और आसनसोल में घटक के आवासों पर तलाशी अभियान चलाया था. बता दें कि मलय घटक को पहले भी नोटिस जारी हो चुके हैं. लेकिन, वह हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर ईडी के सामने पेश होने से बच रहे हैं.

मलय घटक को पूछकर जारी हो नोटिस : सुप्रीम कोर्ट

केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि अगर इस बार मलय घटक जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो वह सुप्रीम कोर्ट में उनकी शिकायत करेगी. वह शीर्ष अदालत को बतायेगी कि मलय घटक कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि मलय घटक को तभी पूछताछ के लिए बुलाया जाये, जब वह समय दे सकें. कम से कम 15 दिन पहले उन्हें सूचना दी जानी चाहिए और उनकी सहमति से ही पूछताछ की तारीख तय होनी चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट में ईडी पर लगाये थे परेशान करने के आरोप

दरअसल, मलय घटक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि ईडी उन्हें परेशान करती है. जब-तब पूछताछ के लिए बुला लेती है. वह पश्चिम बंगाल के मंत्री हैं और ईडी की वजह से उनका काम प्रभावित होता है. उनके लिए संभव नहीं है कि जब भी ईडी उन्हें बुलाये, वह पूछताछ के लिए पहुंच जायें. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को यह निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही मलय घटक को 21 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने पंचायत चुनाव में व्यस्त होने का हवाला देते हुए नोटिस की अनदेखी की.

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