साहिबगंज में ईडी की तीसरे दिन भी हुई जांच, आवंटित खदानों में लीज से अधिक क्षेत्रफल में हो रही थी खुदाई
साहिबगंज में अवैध खनन व मनी लाउंड्रिंग मामले को लेकर ईडी की जांच लगातार तीसरे दिन भी जारी रही. इडी की टीम सुबह करीब 11 बजे साहिबगंज जिला खनन कार्यालय पहुंच कर आवश्यक दस्तावेज जुटाये व पदाधिकारियों से पूछताछ की. इसके बाद अधिकारियों के साथ क्रशर प्लांट व माइंस की जांच करने निकल गए.
Sahibgunj News: साहिबगंज में अवैध खनन व मनी लाउंड्रिंग मामले को लेकर ईडी की जांच लगातार तीसरे दिन भी जारी रही. इडी की टीम सुबह करीब 11 बजे साहिबगंज जिला खनन कार्यालय पहुंच कर आवश्यक दस्तावेज जुटाये व पदाधिकारियों से पूछताछ की. इसके बाद अधिकारियों के साथ क्रशर प्लांट व माइंस की जांच करने निकल गए.
गूगल मैप का लिया सहारा
जांच में जाने के दौरान डीएमओ विभूति कुमार, सीओ अब्दुल समद, प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी कमलाकांत पाठक व पार्षद मुख्यालय सेक्शन राजीव कुमार सिन्हा के अलावा सरकारी अमीन व सीआरपीएफ जवानों के साथ मंडरो प्रखंड के मुंडली मौजा स्थित हीरा भगत के क्रशर प्लांट व माइंस की जांच करने पहुंची. इस दौरान क्रशर प्लांट बंद था. इसके बाद अमीन ने प्लांट व खनन क्षेत्र की मापी की. मापी के दौरान गुगल मैप का सहारा लिया गया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिस क्षेत्रफल में प्लांट का लीज आवंटित किया गया था, खुदाई उससे ज्यादा में की गयी है. ईडी को इसके सबूत मिले हैं. मुंडली के बाद टीम भूताहा व दामिनभिठा मौजा अंतर्गत खदानों का भी निरीक्षण किया व वीडियोग्राफी करायी.
पिछले ढाई साल में हुई सबसे अधिक खुदाई
ईडी ने मुंडली मौजा के प्लॉट के कागजात के कागजात खंगाले व गुगल मैप से पूरे एरिया की जानकारी ली. सूत्र बतातें हैं कि जिस हिसाब से पिछले ढाई साल में आवंतित खदानों में खुदाई की गयी है. उतनी खुदाई उससे पहले पांच वर्षों में नहीं हुई थी. इसके बाद इडी बेलभद्री स्थित कई प्लांटों में भी जाकर मापी की. ईडी को भूताहा दामिनभिठा मौजा में संचालिक खदानों में अवैध खुदाई की जानकारी मिली है. देर शाम तक तीनों मौजा की मापी जारी रही. इसके पूर्व इडी मंगलवार को सिमरिया पहाड़ पर जिनके नाम से जमीन आवंटित की गयी थी, उसकी नापी की गयी.
अंतर्देशीय पोत किया जब्त
ईडी ने मंगलवार को किए जांच के दौरान एक अंतर्देशीय पोत एमवी इंफ्रालिंक- III को जब्त किया है. इस पोत को सुकरगढ़ घाट, साहेबगंज से बिना परमिट के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था. राजेश यादव उर्फ दाहू यादव के कहने पर पंकज मिश्रा व अन्य की मिलीभगत से अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर के चिप्स/पत्थर के शिलाखंडों को ले जाने के लिए पोत का संचालन किया जा रहा था. जहाज की अनुमानित लागत करीब 30 करोड़ रुपये है.