बिहार के सभी प्रकार के राजकीय प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने मंगलवार को मॉडल टाइम टेबल जारी कर दिया है. यह टाइम टेबल एक दिसंबर से सभी स्कूलों में सामान्य रूप से प्रभावी होगा. इस टाइम टेबल के जरिये पढ़ने-लिखने में कमजोर बच्चों की विशेष कक्षाएं ली जायेंगी. यह समूची कवायद मिशन दक्ष के रूप में एक दिसंबर से प्रभावी हो जायेगी.
टाइम टेबल के जरिये होगा स्कूलों का संचालन
आधिकारक जानकारी के मुताबिक इस टाइम टेबल के जरिये विद्यालय बंद और शुरू होंगे. विद्यालय अपने स्तर पर इस टाइम टेबल में अपने स्तर पर कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे. यदि विद्यालय में किसी कक्षा का बोर्ड या सेंटअप एक्जाम हो रहा है तो अन्य कक्षाओं को सस्पेंड नहीं किया जा सकेगा. शनिवार को पूरे दिन गतिविधि होगी. भोजनावकाश के बाद अध्यापन का कार्य होगा. इसे बाद बाल संसद और अभिभावकों के साथ बैठक होगी.
संस्कृत और उर्दू विद्यालय भी करेंगे टाइम टेबल का पालन
संस्कृत बोर्ड के विद्यालय तथा राजकीय उर्दू विद्यालय भी उपरोक्त मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे. मिशन दक्ष की तरह अपराह्न साढ़े तीन बजे से सवा चार बजे तक विशेष कक्षाएं सचांलित की जायेंगी. सवा चार बजे से पांच बजे तक वर्ग एक और दो के बच्चों को छोड़ कर होम वर्क चेक किये जायेंगे. पाठ टीका तैयार किये जायेंगे. मिशन दक्ष की कक्षाएं ली जायेंगी. इसके बाद पांच बजे शिक्षक की छुट्टी की जायेगी.
प्रारंभिक / माध्यमिक स्कूलों की समय सारणी
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मॉडल टाइम टेबल के अनुसार विद्यालय खुलने का समय सुबह नौ बजे होगा. इसके बाद प्रार्थना, योगाभ्यास, व्यायाम, ड्रिल 9 बजे से 9:30 बजे तक होगी. पहली घंटी 9:30 से 10:10 बजे तक, दूसरी घंटी 10:10 बजे से 10:50 तक, तीसरी घंटी 10:50 बजे से 11:30 तक, चौथी घंटी 11:30 बजे से 12:10 तक होगी.
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एमडीएम एवं मध्यांतर 12:10 से 12:50 तक होगा. इसके बाद पांच वीं घंटी12:50 से 1:30 बजे तक, छठ वीं घंटी 1:30 बजे से 2:10 तक, सात वीं घंटी 2:10 से 2:50 तक, आठ वीं घंटी 2:50 बजे से 3:30 तक होगी और फिर स्कूल की छुट्टी भी 3:30 बजे होगी.
कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षा
पढ़ाई में बेहद कमजोर सरकारी स्कूलों के कक्षा तीन आठ तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षाएं लगायी जायेंगी. यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित होंगी. यह कक्षाएं विद्यालय गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद लगायी जायेंगी. यह समूची कवायद ‘मिशन दक्ष’ के रूप में संचालित की जायेगी. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने बीते दिनों सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को जरूरी पत्र लिखा था. अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि यह समूची कवायद एक दिसंबर से प्रारंभ की जायेगी. इसके संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जिसमें मिशन दक्ष के संचालन के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं.
एक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे
अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे. इससे अधिक नहीं. शिक्षकों को इतने बच्चे एडोप्ट करने होंगे. इन शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों को उस कक्षा का स्तरीय ज्ञान दें , जिस में उनका नामांकन कराया गया है. दरअसल कमजोर बच्चों से आशय ऐसे विद्यार्थियों से है जो जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं, उसके स्तर से कम ज्ञान या समझ रखते हैं.
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मिशन दक्ष में माध्यमिक शिक्षकों की अहम भूमिका होगी
अपर मुख्य सचिव पाठक ने यह व्यवस्था दी है कि मिशन दक्ष में माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की अहम भूमिका होगी. कहा है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की हाजिरी दैनिक रूप में लगेगी, लेकिन यह ध्यान रखा जायेगा कि इस दौरान उन्होंने कितनी कक्षाएं ली हैं. अगर मिशन दक्ष की कक्षा मिला कर यह शिक्षक छह घंटिया नहीं पढ़ाते हैं तो यह माना जायेगा कि वे विद्यालय में केवल सशरीर उपस्थित थे. लिहाजा उस दिन का वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा.
अप्रैल 2024 में ली जाएगी जिला स्तर परीक्षा
अपर मुख्य सचिव पाठक ने जिला पदाधिकारियों को बताया है कि अप्रैल 2024 में 25 लाख बच्चों की जिला स्तर पर एक परीक्षा ली जायेगी. यदि उस परीक्षा में यह बच्चे फेल होते हैं तो संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षकों पर विभागीय कार्यवाही की जायेगी. इस पूरी कवायद का जिम्मा जिला पदाधिकारियों को सौंपा गया है.