पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्राथमिक शिक्षक से लेकर उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्तर के स्कूलों में भी शिक्षक नियुक्ति में भ्रष्टाचार के मामले सामने आये हैं. इसके खिलाफ एसएससी व टेट पास कर चुके अभ्यर्थी महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु (Education Minister Bratya Basu) ने स्पष्ट कर दिया कि आंदोलन करने पर ही नौकरी मिल जायेगी. ऐसा संभव नहीं है. शिक्षा विभाग में नियुक्तियां नियमों के अनुसार व मेधा के आधार पर ही दी जायेगी.
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शिक्षा मंत्री ने महानगर में चल रहे आंदोलनों पर कहा कि विपक्षी पार्टियां इन आंदोलनों को हवा दे रही हैं. वह अभ्यर्थियों को आंदोलन करने के लिए उकसा रही हैं. श्री बसु ने कहा कि आंदोलन करना हमारा अधिकार है. लेकिन आंदोलन करने से ही नौकरी मिल जायेगी, ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि ज्वाइंस इंट्रेंस एग्जाम में जितने छात्र पास होते हैं, जरूरी नहीं कि सभी को इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला मिल ही जायेगा. इसी प्रकार, मेडिकल के लिए हर वर्ष लाखों की संख्या में छात्र परीक्षा देते हैं, लेकिन सभी को एमबीबीएस में दाखिला नहीं मिलता.
वहीं, जादवपुर यूनिवर्सिटी के आर्थिक संकट पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों को पर्याप्त मात्रा में राशि आवंटित की जा रही है. किसी भी संस्थान का कोई बकाया नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने यूनिवर्सिटी के कुलपति सुरंजन दास के साथ बातचीत की है. साथ ही बताया है कि इस वर्ष के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने जादवपुर यूनिवर्सिटी के लिए 28 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. वहीं, राज्यपाल व राज्य सरकार के बीच विवादों पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि राज्यपाल से अब किसी प्रकार का विवाद नहीं है. वर्तमान राज्यपाल हर प्रकार से सहयोग कर रहे हैं.
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