बरहेट : एक सभ्य समाज के लिए शिक्षा बेहद महत्वपूर्ण है. इसका प्रयास सरकार भी कर रही है. पर लाख प्रयास के बावजूद दूरस्थ इलाकों में स्थित सरकारी विद्यालयों की तस्वीर बदली नहीं है. मंगलवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे प्रभात खबर की टीम जब प्रखंड की तलबड़िया पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय जसीडीह पहाड़ पहुंची, तो स्कूल में केवल दो बच्चे दिखे. एक कक्ष में प्रधानाध्यापक युगल मुर्मू तथा एक कक्ष में पारा शिक्षक विकास साह बैठे थे. वहीं, किचन (रसोईघर) में चूल्हे में लकड़ी जला कर मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा था. प्रधानाध्यापक ने बताया कि विद्यालय में 100 बच्चे नामांकित हैं. हालांकि, उपस्थित बच्चों के बारे में पूछने पर उन्होंने उपस्थिति पंजी खोली पर वे स्पष्ट बता नहीं पाये. ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की अधिक उपस्थिति दिखा कर एमडीएम योजना में गड़बड़ी की जाती है. विषयवार शिक्षक नहीं रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पाती है.
जानकारी के अनुसार विद्यालय में विभिन्न मदों में राशि आवंटित की जाती है. मध्याह्न भोजन के लिए अलग से गैस-सिलिंडर के लिए राशि दी जाती है. पर यहां विभाग के नियमों को ही धता बताया जा रहा था. वहीं मध्याह्न भोजन की पंजी पुस्तिका में बच्चों की उपस्थिति की अलग-अलग संख्याएं दर्ज की गयी थी.
विद्यालय भवन का नहीं हुआ रंग-रोगन : नये सत्र में विद्यालय के रंग-रोगन के लिए राशि आवंटित करने के बावजूद विद्यालय का रंग-रोगन नहीं हुआ दिखा. दूरस्थ इलाकों में न तो संकुल साधनसेवी और न ही पदाधिकारी का दौरा कभी होता है. ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की मॉनिटरिंग नहीं होती है. इसीलिए इन शिक्षकों का भी मनोबल बढ़ा हुआ है. योजनाओं में गड़बड़ी की जा रही है.
राजमहल प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय समसपुर में 20 नवंबर को मध्याह्न भोजन का चावल नहीं रहने के कारण विद्यालय के सचिव अपने घर से चावल लाकर मध्याह्न भोजन संचालित कर रहे हैं. जहां एकतरफ सरकार मध्याह्न भोजन को लेकर गंभीरता दिखाती है. वहीं मध्याह्न भोजन का चावल विगत आठ दिनों से खत्म हो जाना विद्यालय की व्यवस्था विभागीय उदासीनता के भेंट चढ़ रही है. विद्यालय में कुल 891 बच्चे नामांकित हैं. सचिव के अनुसार औसतन 50 से 55 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में होती है. विद्यालय में कुल पांच शिक्षक हैं. सचिव अख्तर आलम ने कहा कि चावल खत्म होने की सूचना कार्यालय को दे दी गयी है. इस बाबत बीपीओ कुणाल कुमार ने बताया कि मध्याह्न भोजन से संबंधित चावल उपलब्ध करने एवं मॉनिटरिंग की जवाब दे ही संबंधित प्रभारी की है.
क्या कहते हैं डीएसइ
साहिबगंज के जिला शिक्षा अधीक्षक राजेश पासवान ने कहा कि दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. बच्चों की उपस्थिति हो, इसका प्रयास रहता है. अगर कहीं लापरवाही की जा रही है. यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित हो. इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की है. वहीं, चूल्हे में बनने वाले मध्याह्न भोजन के बारे में उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी ली जायेगी.
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