Jharkhand Naxal News: नक्सल प्रभावित पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत टोंटो के रेंगड़ाहातु में कैंप स्थापित होने एवं गांवों में सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाने से सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ सफलता मिलने लगी है. दरअसल, रोजाना सर्च ऑपरेशन चलाने के साथ सुरक्षा बल के जवान ग्रामीणों के बीच जरूरत की सामग्री (खाद्य पदार्थ, दवा, कंबल व पठन- पाठन) का वितरण कर रहे हैं. इससे ग्रामीणों में सुरक्षा बलों के के प्रति विश्वास जगा है. वहीं, सर्च ऑपरेशन के कारण नक्सली कई टुकड़ियों में बंटकर करीब आठ किमी दूर अंजेदबेड़ा की ओर भाग गये हैं. हालांकि, अंजदबेड़ा में पहले से सीआरपीएफ की एक कंपनी व जिला पुलिस बल तैनात है. सूत्रों के अनुसार, दो एक माह पहले तक रेंगड़ाहातु नक्सलियों का गढ़ बना था. वहां करीब 200 से ज्यादा नक्सली जमे थे.
सारंडा की ओर कूच करने के फिराक में नक्सली
ग्रामीणों को अब क्षेत्र में 24 घंटे जवानों के कदमताल की आवाज सुनायी दे रही है. वहीं, भाकपा माओवादियों के पूर्वी जोन के ब्यूरो इंचार्ज व एक करोड़ के इनामी मिसिर बेसरा को जगह को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ा है. मिसिर बेसरा के टोंटो व मुफस्सिल क्षेत्र को छोड़ने के बाद दस्ते के अन्य सदस्य तेजी से पीछे हट रहे हैं. संभावना है कि दस्ते के अन्य सदस्य अब सारंडा की ओर कूच करने के फिराक में हैं.
आईईडी विस्फोट की घटनाओं पर लगा विराम
गौरतलब हो कि करीब दो हफ्ता पूर्व तक कोल्हान वन क्षेत्र के टोंटो, मुफस्सिल और गोइलकेरा के सीमा क्षेत्रों में आईईडी विस्फोट हो रहे थे. अब ऐसी घटनाओं पर विराम लगना शुरू हो गया है. अब रेंगड़ाहातु सहित प्रखंड के अन्य गांवों से लोगों का जंगल में आवागमन सामान्य होने लगा है. ग्रामीण भी नक्सली खौफ के साये से बाहर निकलने लगे हैं. अब ग्रामीणों को जंगल में नहीं जाने का फरमान नहीं सुनाया जा रहा है.
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रेंगड़ाहातु में नक्सलियों की संख्या घटी
कोल्हान के डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि कोल्हान वन क्षेत्र के टोंटो प्रखंड अंतर्गत रेंगड़ाहातु में नक्सलियों की संख्या घटी है. वे उक्त क्षेत्र को छोडकर भागने को विवश हुए हैं. छोटी- छोटी टुकड़ियों में बंटकर भाग रहे हैं. इससे ग्रामीणों को काफी राहत मिली है.