धनबाद में गैंगस्टर, रंगदार और मनबढ़ुओं की धमकी का असर, सात महीने में 50 लोगों ने मांगे हथियार के लाइसेंस
पिछले कुछ वर्षों से धनबाद में गैंगस्टरों का आतंक कायम है. रंगदारी की मांग करना और नहीं देने पर दिनदहाड़े गोलीबारी करना आम बात हो गयी है. हालांकि कई गुर्गे पकड़े गये, पुलिस की दबिश भी जारी है, पर गोलीबारी और धमकी की घटनाएं रुक नहीं रही है.
धनबाद, नीरज अंबष्ट : धनबाद जिले में गैंगस्टरों, रंगदारों व मनबढ़ुओं की धमकी का असर दिखने लगा है. अब अपनी सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जगह लोग खुद के इंतजाम पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं. इसको लेकर हाल के दिनों में हथियार के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है. सरकारी फाइलों की मानें तो इस वर्ष जनवरी से जुलाई माह के बीच लगभग 50 लोगों ने हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है. आवेदन देने वालों में व्यवसायियों की संख्या ज्यादा है, तो चिकित्सक और अन्य पेशे से संबंधित लोग भी शामिल हैं. दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से धनबाद में गैंगस्टरों का आतंक कायम है. रंगदारी की मांग करना और नहीं देने पर दिनदहाड़े गोलीबारी करना आम बात हो गयी है. हालांकि कई गुर्गे पकड़े गये, पुलिस की दबिश भी जारी है, पर गोलीबारी और धमकी की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. इसको लेकर यहां के कारोबारी, चिकित्सक और आम लोग भी दहशत महसूस करने लगे हैं. यही कारण है कि खुद की सुरक्षा के लिए हथियार की चाहत बढ़ गयी है.
प्रतिमाह आ रहे सात आवेदन
धनबाद में इस वर्ष जनवरी से लेकर जुलाई तक 50 लोगों ने जिला प्रशासन के पास हथियार के लिए आवेदन दिया है. औसतन प्रतिमाह सात लोग आवेदन कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन से अभी तक 1300 से ज्यादा लोगों ने हथियार के लिए लाइसेंस लिया है. इसके अलावा अन्य इलाकों के लाइसेंस पर हथियार रखने वालों की भी संख्या कम नहीं.
आवेदन में जो कारण बताये गये हैं
हथियार के लिए जिन 50 लोगों ने आवेदन दिया है उनमें 35 कारोबारी हैं, तो पांच-छह नेता. इसके अलावा अन्य शामिल हैं. सभी 35 कारोबारियों ने गैंगस्टर के फोन कॉल और जान मारने की धमकी की बात अपने आवेदन में लिखी है, कुछ नेताओं ने अपनी पब्लिसिटी के बढ़ने के कारण बढ़े प्रतिद्वंदिता सहित अन्य खतरे को कारण बताया है. इसी तरह अन्य लोगों ने अपने काम से आये दिन कहीं न कहीं बाहर आने-जाने की बात कहते हुए लिखा है कि खुद की सुरक्षा के लिए उनके पास हथियार का होना जरूरी है.
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पिस्टल और रिवाल्वर की बढ़ी मांग
सूत्रों ने बताया कि एक समय था जब धनबाद में एक नाली और दो नाली बंदूक सहित राइफल की मांग थी. उसी का आवेदन सबसे ज्यादा आता था, लेकिन अब उसमें कमी आयी है. इस नये 50 आवेदनों की बात करें तो अधिकांश ने पिस्टल और रिवाल्वर के लिए आवेदन किया है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ऐसे हथियार को साथ रखने और उपयोग करने में आसानी बड़ा कारण है.