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Eid al-Adha 2020 in India: आज मनाया जा रहा कुर्बानी का पर्व बकरीद, धर्मगुरु फिरंगी महली ने जारी की अपील

Eid al-Adha 2020 Date in India: बकरीद मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद आता है. बकरीद को ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल ये त्योहार ज्यादातर देशों में आज मनाया जा रहा है, जबकि भारत में बकरीद आज 1 अगस्त शनिवार को मनाया जा रहा है. मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान जारी कर बताया है कि शनिवार को पूरे देश में ईद उल अजहा यानी बकरीद मनाई जा रही है. बकरीद के मद्देनजर मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने लोगों से सरकारी गाइड लाइंस का पालन करने की भी अपील की है. उन्होंने कहा है कि लोग अपने घरों में रहकर ही बकरीद मनाएं. घरों में ही नमाज अदा कर कुर्बानी मनाएं. कुर्बानी की जगह को सैनिटाइज करें. मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल करें...

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त्योहार ईद की नमाज़ के साथ शुरू होता है

त्योहार ईद की नमाज़ के साथ शुरू होता है, सभी मुस्लिम पुरुष मस्जिदों या ईद गाह में ईद की नमाज अदा करते हैं. ईद की नमाज के बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू होता है.

रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाया जाता

ईद-उल-अजहा यानी बकरीद या बकरा ईद के लिए अब कुछ ही वक्त बचा है. मुस्लिम समुदाय का यह खास त्यौहार रमजान महीने के खत्म होने के 70 दिन बाद मनाया जाता है.

केरल में आज मनाया जा रहा है त्योहार

केरल में आज बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. तिरुवनंतपुरम के एक मस्जिद में लोग सामाजिक दूरी बनाकर नमाज़ अदा करते हुए दिखे.

कल मनेगा बकरीद का जश्न

1 अगस्त को दुनिया के कई हिस्सों में बकरीद का जश्न मनाया जाएगा. कहा जाता है कि ईद उल फितर के 70 दिन बाद ईद उल ज़ुहा या ईद अल अज़हा का त्योहार आता है. ईद उल ज़ुहा को बकरीद भी कहा जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से यह त्योहार हर साल ज़िलहिज्ज के महीने में आता है. अंग्रेज़ी कैलेंडर की तुलना इस्लामिक कैलेंडर थोड़ा छोटा होता है. इसमें 11 दिन कम माने जाते हैं. मुस्लिम समुदाय में ईद उल फितर की तरह इस ईद को भी अहम माना जाता है.

मस्जिद में सिर्फ 5 लोग करेंगे नमाज अदा

कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार ईद उल अदहा सादगी से मनाने का ऐलान किया गया है. ईद उल अदहा की नमाज का वक्त सुबह 7 बजे मुकर्रर किया गया है. मस्जिद में सिर्फ पांच लोग नमाज अदा करेंगे. बाकी लोगों को अपने घरों में नमाज पढ़ने को कहा गया है. इस बार कुर्बानी बंद जगह में की जाएगी. किसी भी तरह भीड़ इकट्ठा नहीं करने की गुजारिश भी लोगों से की गई है.

क्यों मनाते हैं बकरीद

इस्लाम में बकरीद का विशेष महत्व है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान किया था. तब खुदा ने उनके जज्बे को देखकर उनके बेटे को जीवन दान दिया था. इस पर्व को हजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में ही मनाया जाता है. इसके बाद अल्लाह के हुक्म के साथ इंसानों की जगह जानवरों की कुर्बानी देने का इस्लामिक कानून शुरू किया गया.

कुर्बानी की जगह को भी सैनिटाइज करने की अपील

मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने लोगों से कुर्बानी का एक हिस्सा गरीबों में बांटने की अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से नमाज में कोरोना के खात्मे के लिए विशेष दुआ करने की अपील की है. रमजान और ईद की तरह ही इस बार भी एहतियात बरतें. उन्होंने कहा है कि बकरीद के मौके पर कहीं भी भीड़ इकट्ठा ना करें. इसके साथ ही लोगों से मास्क और ग्लव्स का प्रयोग करने को कहा गया है, जिससे वायरस को फैलने से रोका जा सके. संक्रमण फैलने के डर से कुर्बानी की जगह को भी सैनिटाइज करने का निर्देश दिया गया है.

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