गोरखपुर: कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिदों में पढ़ी गई ईद उल अजहा की नमाज, ड्रोन से हुई निगरानी
गोरखपुर में ईद उल अजहा के अवसर पर कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज सकुशल संपन्न हुई. जिले की मस्जिदों में सुबह सात बजे से ही ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. नमाज सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आई.
Gorakhpur : देशभर में गुरुवार को बकरीद का पर्व मनाया जा रहा है. गोरखपुर में ईद उल अजहा के अवसर पर कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज सकुशल संपन्न हुई. जिले की मस्जिदों में सुबह 7:00 बजे से ही ईद उल अजहा की नमाज अदा की गई. नमाज सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आई. भारी संख्या में मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोग पहुंचकर ईद उल अजहा की नमाज अदा कर देश में अमन और शांति के साथ भाईचारे की दुआ मांगी. लोगों ने नमाज के बाद एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी. इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा और सुविधा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
चांद देखने के बाद से ही ईद उल अजहा का पर्व आज गुरुवार को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के अंतिम महीने यानी 12वें महीने में ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाता है. ईद उल फितर के 70 दिन बाद पड़ने वाले इस त्यौहार को कुर्बानी के लिए भी जाना जाता है.
मान्यता है कि हजरत इब्राहिम को ख्वाब में अल्लाह का हुक्म आया कि अपने बेटे को कुर्बान कर दें अल्लाह के हुक्म की तालीम करके हुए हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी करने का फैसला लिया. कहा जाता है कि कुर्बानी देते वक्त उनके छूरी के नीचे एक मेमना आ गया और हजरत की कुर्बानी पूरी हुई. इस तरह अल्लाह ने इब्राहिम की कुर्बानी को कुबूल कर लिया तभी से इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हो गई.
ड्रोन कैमरों से हुई निगरानी
गुरुवार की सुबह से गोरखपुर के सभी मस्जिदों में लोग नमाज अदा करने पहुंचने लगें थें. नमाज पढ़ने के दौरान लोगों ने देश में अमन और शांति और भाईचारे के लिए दुआ मांगी और नमाज अदा करने के बाद एक दूसरे को गले लगाकर बकरी ईद की बधाई दी. जिला प्रशासन की ओर से जगह पर व्यवस्था की गई. संवेदनशील और अतिसंवेदनशील जगह पर भारी पुलिस बल लगाई गई थी और ड्रोन कैमरों से निगरानी भी की जा रही थी. नमाजियों की भीड़ को देखते हुए जगह जगह पर रोड डाइवर्ट भी किया गया था.
नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम समाज के लोग कुर्बानी की परंपरा का निर्वहन भी किया. इसको देखते हुए नगर निगम ने अपील की है कि एक निश्चित स्थान पर ही कुर्बानी दें. साथ ही कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेषों को बंद करने के पुख्ता इंतजाम भी नगर निगम द्वारा किया गया है.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर