Ekdant Sankashti Chaturthi 2023: एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज 08 मई को रखा जा रहा है. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इस दिन गणपति की पूजा करने वालों के हर कष्ट, दुख दूर होते हैं और साधक को अपार खुशियां मिलती है. भगवान गणपति का एक नाम एकदंत भी है. इस दिन सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत किया जाता है. चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पारण का विधान है. आइए जानते हैं एकदंत सकष्टी चतुर्थी व्रत की डेट, मुहूर्त और महत्व.
शाम 05 बजकर 02 से लेकर रात 08 बजकर 02 मिनट तक रहेगा.
शिव योग – दिनांक 08 मई को दोपहर 02 बजकर 53 मिनट से लेकर अगले दिन 09 मई को 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.
इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधि-विधान है. क्योंकि चंद्रमा की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है.
इस दिन चंद्रोदय रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगा.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन अपना मन पवित्र रखें और भगवान गणेश की पूजा के लिए सुबह ही स्नान करके संकल्प लें. पूजा शुरू करने से पहले पूजा स्थल की साफ-सफाई जरुर करें. हाथ में जल लेकर भगवान गणेश के सामने अपने व्रत का संकल्प लें और उसके बाद गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं. तिलक लगाने के बाद फूल, धूब, दीपक, फल और मिठाई अर्पित करें. इसके बाद संकष्टी चतुर्थी की कथा पढ़ें. इसके बाद गणेश चालिसा पढ़ें और फिर आरती करें. अब चंद्र दर्शन करें और दूध-पानी का अर्घ्य दें. इसके बाद आपकी पूजा समाप्त होगी और अगले दिन पारण करें.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत का बहुत महत्व है. इस दिन गणेश भगवान की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं. यदि आप संतान प्राप्ति का सुख भोगना चाहते हैं तो भी इस दिन विधि-विधान से गणेश भगवान की पूजा करें. एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.