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कलकत्ता हाइकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने उठाया सख्त कदम, बंगाल में सभी राजनीतिक कार्यक्रमों पर लगायी रोक

Election Commission of India, West Bengal News, Coronavirus Crisis: पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संकट के बीच चल रही राजनीतिक रैलियों के दौरान कोरोना नियंत्रण को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार (22 अप्रैल) को छठे चरण के मतदान के बाद सख्त कदम उठाया. आयोग ने प्रदेश में रोड शो, साइकिल रैली, बाइक रैली, किसी भी प्रकार की रैली को रद्द कर दिया. आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पहले ऐसे किसी आयोजन की अनुमति दी गयी है, तो उसे रद्द किया जाता है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संकट के बीच चल रही राजनीतिक रैलियों के दौरान कोरोना नियंत्रण को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार (22 अप्रैल) को छठे चरण के मतदान के बाद सख्त कदम उठाया. आयोग ने प्रदेश में रोड शो, साइकिल रैली, बाइक रैली, किसी भी प्रकार की रैली को रद्द कर दिया. आयोग ने स्पष्ट कर दिया कि यदि पहले ऐसे किसी आयोजन की अनुमति दी गयी है, तो उसे रद्द किया जाता है.

चुनाव आयोग ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि बहुत से राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार कोरोना संकट के मद्देनजर जनसभाओं में भीड़ को लेकर जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसलिए रोड शो से लेकर हर तरह के राजनीतिक कार्यक्रम को रद्द किया जाता है. गुरुवार को ही कलकत्ता हाइकोर्ट ने चुनाव आयोग पर सख्त टिप्पणी की थी.

कलकत्ता हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबीएन राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने इससे पहले दिन में कहा था कि सिर्फ सर्कुलर और नोटिस जारी कर देने भर से आपकी जिम्मेदारी खत्म नहीं हो जाती. टीएन शेषन ने जिस तरह से चुनाव आयोग की शक्तियों का प्रदर्शन किया था, यदि आपने उसका 10 फीसदी भी किया होता, तो बंगाल में कोरोना वायरस का संक्रमण इस तरह से बेकाबू न हुआ होता.

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चीफ जस्टिस की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने यह भी कहा कि निश्चित तौर पर चुनाव आयोग ने सर्कुलर जारी किये, लेकिन उसका न तो किसी राजनीतिक दल ने पालन किया, न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने. यहां तक कि पुलिस फोर्स और अन्य एजेंसियों ने भी उसका सख्ती से पालन कराने की अपनी जिम्मेदारी नहीं निभायी. चुनाव आयोग यह भी स्पष्ट बताने में असमर्थ है कि अपने सर्कुलर का पालन कराने के लिए उसने क्या किया.

अंत में हाइकोर्ट ने चुनाव आयोग को नया एवं संक्षित हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें यह बताने को कहा कि उसने इस मामले में क्या कदम उठाये हैं. हाइकोर्ट ने आयोग को 23 अप्रैल तक यह बताने के लिए कहा था. इसके बाद आयोग ने सार्वजनिक जगहों पर हर तरह के चुनाव प्रचार पर रोक लगा दिया. ज्ञात हो कि बंगाल में 8 चरणों में चुनाव हो रहे हैं. 6 चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. सातवें और आठवें चरण का चुनाव क्रमश: 26 और 29 अप्रैल को होना है. 2 मई को 292 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना करायी जायेगी.

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Posted By : Mithilesh Jha

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