लोकसभा चुनाव की तिथियों की अभी घोषणा नहीं हुई है. लेकिन, निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने बंगाल में तैयारी शुरू कर दी है. इस बार आयोग बंगाल पर विशेष नजर रख रहा है. अभी से ही बंगाल के सभी जिलों में कहां, क्या घटना हुई है, उसकी जानकारी ली जा रही है. कानून-व्यवस्था की स्थिति क्या है, इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भी मांगी जा रही है. आयोग के अधिकारी इसकी जांच भी कर रहे हैं. इसके साथ ही विभिन्न अखबारों, टीवी चैनलों व सोशल मीडिया में प्रकाशित खबरों की कटिंग व वीडियो फुटेज भी संग्रह कर रखे जा रहे हैं. आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चुनाव की घोषणा के बाद यह सब काम शुरू होता है. लेकिन अतीत से सबक लेते हुए पहले ही प्राथमिक तौर पर तैयारी शुरू की गयी है. इसका उद्देश्य राज्य में शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव कराना है.
सूत्र ने बताया कि पिछली बार चुनाव के परिचालन में कई खामियां देखी गयी थीं. इस बार लोकसभा चुनाव में ऐसा नहीं हो, इसलिए पहले ही इसकी तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक, फरवरी महीने के पहले सप्ताह में ही आयोग का फुल बेंच राज्य में आ सकता है. डीजीपी, डीएम, एसपी सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक होने की संभावना है. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी आयोग के अधिकारी मिलेंगे. इसके पहले आयोग अपनी तैयारी पूरी कर लेना चाह रहा है.
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अतीत में हुई घटनाओं के मद्देनजर इस बार आयोग ने नयी रणनीति पर काम करने का मन बनाया है. केंद्रीय वाहिनी के जवानों को बूथों पर भेजने व अति संवेदनशील इलाकों की पहचान करना भी इसमें शामिल है. पुलिस पर्यवेक्षकों की संख्या भी इस बार बढ़ायी जा सकती है. शहर व ग्रामीण अंचलों में सभी बूथों पर वेब कास्टिंग की व्यवस्था की जायेगी. बताया जा रहा है कि राज्य पुलिस किसी भी तरह से बूथ के पास नहीं जा सके, यह निर्देश भी दिया जा सकता है. विशेष पर्यवेक्षक इस बार कड़ी नजर रखेंगे.