गढ़वा: झारखंड के गढ़वा जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त शेखर जमुआर ने निर्वाचन कार्य में शिथिलता बरतने पर कार्रवाई की है. उन्होंने पर्यवेक्षक भावेश रविदास, कनीय अभियंता (ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल, सं0-2) एवं बीएलओ उमेश ठाकुर (गोविन्द 2 उच्च विद्यालय, गढ़वा) को सस्पेंड कर दिया. जिला निर्वाचन पदाधिकारी गढ़वा द्वारा बताया गया कि निर्वाचन का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता देकर करना होता है. इस कार्य में बरती गई किसी प्रकार की शिथिलता अथवा लापरवाही को लोक हित एवं कार्य हित में सर्वथा अनुचित है.
शोकॉज का जवाब भी नहीं दिया
गढ़वा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या 160 से 169 तक के बीएलओ के पर्यवेक्षक के रूप में प्रतिनियुक्त भावेश रविदास, कनीय अभियंता (ग्रामीण विकास विशेष प्रमण्डल, सं0-2) गढ़वा क्षेत्र भ्रमण के दौरान वे अपने अधीनस्थ मतदान केन्द्रों में से किसी भी मतदान केन्द्रों पर उपस्थित नहीं पाए गए. ये अपने बीएलओ को उपलब्ध कराने के लिए दी गयी चेकलिस्ट अपने पास ही रखे हुए थे. इस कारण मतदान केन्द्र संख्या-160 से 169 के बीएलओ चेकलिस्ट नहीं भर पाएं. चेकलिस्ट नहीं भरने के कारण इन मतदान केन्द्रों का फॉर्म प्रोसेसिंग का कार्य प्रभावित हुआ. इस संबंध में सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी (गढ़वा) के स्तर से उनसे पूछे गए स्पष्टीकरण का जवाब भी भावेश रविदास के द्वारा नहीं दिया गया. इसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की गयी.
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निर्वाचन कार्य में लापवाही पर कार्रवाई
दूसरे मामले में उमेश ठाकुर, लिपिक (गोविन्द 2 उच्च विद्यालय, गढ़वा) को मतदान केन्द्र संख्या 120 पर बीएलओ का कार्य करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था. क्षेत्र भ्रमण के दौरान इनके द्वारा अपने निर्धारित मतदान केन्द्र पर निर्वाचन संबंधी कार्य नहीं किया गया है. इनसे भी स्पष्टीकरण पूछा गया था. इनसे प्राप्त जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया. दिनांक 29.11.2023 तक इनके बूथ पर फॉर्म-06 की संख्या शून्य थी. इसके कारण उल्लेखित मतदान केन्द्र पर निर्वाचन का कार्य प्रभावित हुआ है. इस संदर्भ में उमेश ठाकुर से पूछा गया स्पष्टीकरण का जवाब अप्राप्त है.
तत्काल प्रभाव से किए गए निलंबित
गढ़वा जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त शेखर जमुआर के द्वारा भावेश रविदास एवं उमेश ठाकुर को निर्वाचक नामावली की तैयारी में अपने पदीय कर्तव्य के पालन नहीं किए जाने का दोषी मानते हुए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. दोनों कर्मी को निलंबित करने के बाद उनके नियंत्री पदाधिकारी कार्यपालक अभियंता ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल- 2 गढ़वा एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी गढ़वा को आदेश तमिला के लिए तत्काल भेज दिया गया.
निर्वाचन के कार्य को दें सर्वोच्च प्राथमिकता
जिला निर्वाचन पदाधिकारी गढ़वा द्वारा बताया गया कि निर्वाचन का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता देकर करना होता है. इस कार्य में बरती गई किसी प्रकार की शिथिलता अथवा लापरवाही को लोक हित एवं कार्य हित में सर्वथा अनुचित है. निर्वाचन से जुड़े सभी कर्मी अपने स्तर से निर्वाचन का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर करना सुनिश्चित करें, यदि निर्वाचन कार्य में किसी भी पदाधिकारी या कर्मी द्वारा शिथिलता बरते जाने उनके विरूद्ध प्रावधान के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में उन्होंने बताया कि निर्वाचन संबंधी कार्य में किसी भी स्तर पर कोई पदाधिकारी/कर्मी द्वारा शिथिलता बरते जाने/कार्य लंबित रखने या रूचि नहीं लेने पर वैसे पदाधिकारी/कर्मी के विरूद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत निलंबन, विभागीय कार्रवाई, विधिक कार्रवाई के साथ-साथ न्यूनतम 3 माह और अधिकतम 2 वर्ष तक के कारावास का भी प्रावधान है.