झारखंड में 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं बिजली की दरें

झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को जोर का झटका लगने वाला है. राज्य में 20 फीसदी तक बिजली की दरें बढ़ सकती है. ग्रामीण (घरेलू) उपभोक्ताओं के बिल में सबसे अधिक 75 पैसे प्रति यूनिट के दर से बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है. वहीं, शहरी व एचटी (घरेलू) में 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल बढ़ाने का प्रस्ताव है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2023 12:03 PM
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Jharkhand News: धनबाद सहित राज्य में एक बार फिर से बिजली दर में बढ़ोतरी की तैयारी है. झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने वर्ष 2021-22 के लिए झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) को प्रस्ताव भेजा था, जिस पर अब सुनवाई होगी. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार, बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए नियामक आयोग में वार्षिक राजस्व रिपोर्ट (एआरआर) दाखिल की थी. इसी आधार पर टैरिफ प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी.

20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है दरें

वार्षिक राजस्व रिपोर्ट में बिजली वितरण निगम ने 7,400 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 2600 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 2500 करोड़ का घाटा दिखाया गया है.

ग्रामीण क्षेत्र में 75, शहरी और एचटी घरेलू में 50 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी का प्रस्ताव

जेबीवीएनएल की ओर से जेएसइआरसी को इस बार भेजे गये बिल बढ़ोतरी के प्रस्ताव में ग्रामीण (घरेलू) उपभोक्ताओं के बिल में सबसे ज्यादा 75 पैसे प्रति यूनिट के दर से बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. इसके अलावा शहरी व एचटी (घरेलू) में 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया है. वर्तमान में ग्रामीण (घरेलू) उपभोक्ताओं से 5.75 रुपये, शहरी (घरेलू) से 6.25 रुपये व एचटी (घरेलू) से 6 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूल किया जाता है. इसे बढ़ाते हुए क्रमश: 6.50 रुपये, 6.75 रुपये व 6.50 रुपये करने का आग्रह किया गया है.

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झारखंड में तीन साल से नहीं बढ़ी है दर

बता दें कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में बिजली की दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. कोरोना काल में सरकार ने कोई बढ़ोतरी नहीं की, जबकि विद्युत नियामक आयोग में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं रहने के कारण इस वित्तीय वर्ष में बिजली दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव अधर में लटक गया. नये बिजली दर पर अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग लेगा. आयोग इसके लिए तमाम तकनीकी औपचारिकताओं का निबटारा करेगा. इसके बाद सभी प्रमंडलों में जनसुनवाई कर लोगों से सुझाव लिये जायेंगे. इस प्रक्रिया में तीन से चार माह का समय लग सकता है. वर्तमान में धनबाद सहित राज्य के अन्य जिलों में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में तय किया गया बिजली दर लागू है.

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग को भेजे गये प्रस्ताव में क्या है

  • ग्रामीण क्षेत्र में 75 पैसे, शहरी व एचटी घरेलू में 50 पैसे प्रति यूनिट का हो सकती है बढ़ोतरी

  • प्रति माह फिक्स्ड चार्ज टैरिफ में 25 से 30 रुपये तक के इजाफे का प्रस्ताव.

हर माह फिक्स चार्ज भी बढ़ाने का प्रस्ताव

प्रस्ताव में हर माह बिल के रूप में लिए जाने वाले फिक्स चार्ज को भी बढ़ाने का भी जिक्र है. अलग-अलग कैटेगरी में फिक्स चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. ग्रामीण (घरेलू) का फिक्स चार्ज 20 रुपये से बढ़ाते हुए 50 रुपये प्रति माह करने, शहरी (घरेलू) को 75 रुपये से बढ़ाते हुए 100 रुपये और एचटी (घरेलू) 100 रुपये को बढ़ाते हुए 200 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है.

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