धनबाद : गर्मी बढ़ने के साथ ही धनबाद सहित आसपास के इलाकों में बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है. शहरी क्षेत्रों में रोजाना 12 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है तो वहीं ग्रामीणों क्षेत्रों की स्थिति तो और बदहाल है. जहां रोजाना 15-16 घंटे बिजली की कटौती की जा रही है. अचानक से लोड में हुई वृद्धि को लेकर एक ओर जहां डीवीसी द्वारा रोजाना दो से तीन घंटे कटौती की जा रही है.
वहीं 40 मेगावाट ओवरलोड का हवाला देकर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) सुबह से लेकर देर रात तक अलग-अलग फीडर से आठ से नौ घंटे बिजली काट रहा है. डीवीसी के अलावा कांड्रा ग्रिड से भी जेबीवीएनएल को कम पावर मिल रही है. ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. सुबह होते ही लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली कटौती से आम लोगों के साथ व्यापार से जुड़े व्यवसायियों को भी जनरेटर में डीजल के रूप में नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दिन चढ़ने के साथ ही बिजली कटौती शुरू हो जा रही है. जेबीवीएनएल के अधिकारियों के अनुसार दोपहर में लोड में इजाफा दर्ज किया गया है. इसके अलावा शाम से रात तक बिजली की खपत करीब 300 मेगावाट दर्ज की गयी है. पिछले एक सप्ताह से 40 मेगावाट लोड में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. जबकि, सामान्य दिनों में धनबाद शहर में सप्लाई के लिए 250 से 260 मेगावाट बिजली की जरूरत है.
पावर कट के चलते आवासीय व व्यावसायिक क्षेत्रों में डीजल की खपत हाल के महीनों में काफी बढ़ गयी है. वैकल्पिक ऊर्जा के तौर पर डीजल के ऊपर अत्यधिक निर्भरता पर्यावरण पर बुरा असर डाल रहा है. रोजाना शहर में 10 से 12 घंटे कटौती से डीजल की खपत औसतन छह से सात गुना डीजल की खपत बढ़ गयी है. हीरापुर स्थित एक अपार्टमेंट, जिसमें कुल 30 फ्लैट है. यहां पर हर दिन सामान्य दिन में लगभग 500 रुपये के डीजल की खपत होती थी. वर्तमान में लगभग छह घंटे जेनरेटर चलने के कारण लगभग 3,500 रुपये के डीजल की खपत हो गयी है.
इधर, गोविंदपुर के कांड्रा ग्रिड से भी धनबाद को होने वाली बिजली सप्लाई में भी कटौती बढ़ा दी गयी है. दुमका से कांड्रा ग्रिड को पहले 50 से 60 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिये मिलती थी. वर्तमान में सिर्फ 30 से 35 मेगावाट बिजली ही धनबाद को मिल रही है. जबकि, शहर में सप्लाई के लिए सिर्फ 20 मेगावाट बिजली ग्रिड से मिल रही है. धनबाद शहरी क्षेत्र के अलावा कांड्रा ग्रिड से मिलने वाली बिजली से गोविंदपुर, आमाघाटा, राजगंज को भी बिजली सप्लाई की जाती है.
गोविंदपुर डिवीजन से जुड़े इलाकों में रहने वाले लोगों को 15 से 16 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. यह स्थिति पिछले एक सप्ताह से जारी है. बिजली वितरण निगम के अधिकारियों के अनुसार कांड्रा ग्रिड से गोविंदपुर डिवीजन को रिस्ट्रिक्शन में पावर सप्लाई के लिये मिल रही है. गोविंदपुर डिवीजन का इलाका कांड्रा ग्रिड से जुड़ा हुआ है.
इससे गोविंदपुर के अलावा, बरवाअड्डा और टुंडी के इलाकों में बिजली सप्लाई की जाती है. अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में कांड्रा ग्रिड से सप्लाई के लिये सिर्फ 10 से 12 मेगावाट बिजली ही मिल रही है. जबकि, सप्लाई के लिये 40 मेगावाट की जरूरत है.
गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में इजाफा हुआ है. खपत में हुए इजाफे से ओवरलोड की समस्या आ रही है. ऐसे में बार-बार लाइन ट्रिप होने की समस्या उत्पन्न हो रही है. उपकरणों में भी खराबी आने का डर है. ऐसे में बढ़े हुए लोड के मद्देनजर शहर के अलग-अलग इलाकों में रोटेशन पर बिजली सप्लाई करने की बाध्यता है.
एसबी तिवारी, कार्यपालक अभियंता
Posted By: Sameer Oraon