profilePicture

49 दिन बीत गये फिर भी नहीं सुधरी धनबाद में बिजली की स्थिति, हर दिन 10 घंटे से ज्यादा काट रहा डीवीसी

धनबाद में 49 दिनों के बाद भी बिजली की कटौती जारी है, केंद्र... पर बकाये राशि की वजह से अपने कमांड एरिया में 10 घंटे तक बिजली काट रहा है. ग्रामीण इलाकों में तो इसकी स्थिति और बुरी है. वहां पर तो 16- 16 घंटे भी बिजली काटी जा रही है. लेकिन नेता अफसर सब खामोश हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2021 12:20 PM
an image

धनबाद : हमारी जमीन, पानी-कोयला भी हमारा… हमारी धरती पर ही बिजली उत्पादन केंद्र… पर बकाये के नाम पर 49 दिन से डीवीसी अपने कमांड एरिया के सात जिलों में 10 घंटे तक बिजली काट रहा है. शहरों में तो किसी तरह विभाग 14-15 घंटे बिजली दे दे रहा है, ग्रामीण क्षेत्राें की स्थिति और भी बुरी है. वहां 16 घंटे तक बिजली कटी रह रही है. जेबीवीएनएल-डीवीसी विवाद का कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है. नेता-अफसर चुप हैं. जनता परेशान है.

पीपीए 600 का और मिल रही 300 मेगावाट से भी कम बिजली :

डीवीसी और जेबीवीएनएल के बीच 600 मेगावाट बिजली सप्लाई का पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) है, लेकिन वर्तमान में बकाया की मांग को लेकर डीवीसी 300 मेगावाट से भी कम बिजली सप्लाई कर रहा है.

जेबीवीएनएल के कार्यपालक अभियंता शैलेंद्र भूषण तिवारी के अनुसार, डीवीसी से धनबाद में 160 से 180 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए मिलती थी.

वर्तमान में 60 से भी कम बिजली मिल रही है

बकाया 2173 करोड़ के भुगतान के लिए हो रही कटौती : झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) पर बकाया 2173 करोड़ भुगतान का दबाव बनाने के लिए डीवीसी पिछले दो महीने से बिजली कटौती कर रहा है. डीवीसी ने बिजली विभाग के नाम नोटिस जारी कर हुए बकाया भुगतान नहीं होने की स्थिति में बिजली कटौती जारी रखने की चेतावनी दी है. डीवीसी के अनुसार अप्रैल से नवंबर 2021 के बीच में हर माह 549 करोड़ रुपये तक बकाया हो गया है, जबकि 1624 करोड़ रुपये पहले से बकाया है. बकाया बढ़ कर 2173 करोड़ रुपये हो गया है. पांच नवंबर की आधी रात से डीवीसी ने बिजली कटाैती शुरू की थी.

तीन घंटे से शुरू हुइ कटौती 10 घंटे तक पहुंची :

बकाये की मांग को लेकर डीवीसी ने नवंबर महीने से बिजली कटौती का सिलसिला शुरू किया था. उस दौरान डीवीसी की ओर से धनबाद सहित सातों कमांड एरिया में करीब तीन घंटे की कटौती की जा रही थी. नवंबर महीने के अंत में डीवीसी ने कटौती के समय में इजाफा करते हुए पांच घंटे कर दी. वहीं दिसंबर महीने की शुरुआत में सात और वर्तमान में डीवीसी की ओर से 10 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती की जा रही है.

कटौती बंद करने के लिए अब तक कोई पहल नहीं :

बकाया की मांग पर अड़े डीवीसी द्वारा जारी कटौती को समाप्त करने के लिए अब तक विभागीय स्तर पर कोई पहल शुरू नहीं हुई है और न ही किसी सामाजिक-व्यावसायिक संगठन या राजनीतिक पार्टियों का इस मुद्दे पर रुचि है. जबकि, बिजली कटौती का सबसे ज्यादा असर आम लोगों के साथ-साथ उद्योग पर सीधे तौर पर पड़ रहा है. उद्योग में कटौती से जेनरेटरों के लिए डीजल के खर्च में इजाफा हुआ है.

अपार्टमेंट की सोसाइटी का महीने का मेंटेनेंस चार्ज भी बढ़ा है. बजट में एक से डेढ़ हजार रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. यह बढ़ोतरी जेनरेटर में डीजल के रूप में खर्च हो रहे पैसों के कारण है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version