बरेली: बिजली उपभोक्ताओं का टूटा सब्र का बांध, कई इलाकों में रात भर विद्युत आपूर्ति ठप, आंदोलन की दी चेतावानी
बरेली के बिजली उपभोक्ता कटौती से काफी परेशान हैं. शहर के मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, रामपुर रोड समेत कई इलाकों में रात भर बिजली आपूर्ति नहीं हुई. इससे उपभोक्ताओं का सब्र टूटने लगा है, जिसके चलते बिजली उपभोक्ता आंदोलन की तैयारी में हैं.
Bareilly : उत्तर प्रदेश के बरेली के बिजली उपभोक्ता कटौती से काफी परेशान हैं. शहर के मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, रामपुर रोड समेत कई इलाकों में रात भर बिजली आपूर्ति नहीं हुई. उन्हें रात जाग कर काटनी पड़ी. पिछले 4 दिन से विद्युत आपूर्ति की स्थिति काफी बदतर है. इससे उपभोक्ताओं का सब्र टूटने लगा है. जिसके चलते बिजली उपभोक्ता आंदोलन की तैयारी में हैं.
इसके साथ ही मंगलवार को बिजली अफसरों से शिकायत करेंगे. शहर के सीबीगंज विद्युत सब स्टेशन की टेक्निकल समस्या 2 दिन बाद भी दूर नहीं हुई है. इससे सीबीगंज, गोबिंदापुर, बिधौलिया, रजा कालोनी, आनंद विहार, जागृति नगर, स्वालेनगर आदि इलाकों में बिजली कटौती कायम है.
बदायूं रोड पर रात भर अंधेरा
बिजली लाइन के फाल्ट ने लोगों का सुकून छीन लिया है. रविवार के बाद सोमवार रात भी फाल्टों की झड़ी लग गई. कई इलाकों में बिजली संकट छा गया. बारिश के कारण सुभाषनगर, मढ़ीनाथ में फाल्ट हो गया. यहां रात भर बिजली आपूर्ति नहीं हुई.
पानी आपूर्ति भी बंद
बरेली में बिजली आपूर्ति न आने से पानी की आपूर्ति भी ठप हो गई है. पानी आपूर्ति न आने से लोग काफी दिक्कत में हैं, लोगों को बोतल खरीद कर पानी पीना पढ़ रहा है. इसके साथ ही तमाम लोगों को हैडपंप से पानी भरकर लाना पड़ा.
बिजली कटौती से लोग बेहाल
शहर के जगतपुर, ग्रीन पार्क और हरूनगला उपकेंद्र से संचालित अधिकांश इलाकों की बिजली आपूर्ति भी ठप है. बताया जाता है कि शांति विहार, करगैना, करेली क्षेत्र के लोग भी बिजली कटौती से परेशान रहे हैं. ग्रेटर ग्रीन पार्क में बिजली लाइन पर पेड़ गिरने से एक फेस चला गया. शाहदाना क्षेत्र में दिन में कई घंटे तक आपूर्ति प्रभावित रही है.
रिमझिम बारिश से तापमान में आई कमी
पिछले 4 दिन से रिमझिम बारिश हो रही है. इस कारण तापमान गिर गया है. इसके साथ ही शहर के मुख्य रोड से लेकर गलियों तक में बारिश का पानी भर गया है. इससे लोगो का निकलना मुश्किल हो गया है. लोगों ने नगर निगम में शिकायत की. मगर, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली