कभी नक्सलियों से कांपता था बिहार का लठिया गांव, आजादी के बाद अब पहली बार बिजली आने से फैला उजाला, बदले हालात

कुछ दिन पहले तक जिस गांव में शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते थे, जहां रात भर नक्सलियों की आवाजाही होती रहती थी और लोग डर के साये में जीते थे, वहां अब स्थितियां बदल गयी हैं. वह गांव अब रात में दुधिया रोशनी से जगमगाता रहता है. जो बच्चे ढिबरी की मटमैली रोशनी में पढ़ाई कर अपनी आंख खराब कर रहे थे, वे अब बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर भविष्य का अंधकार मिटाने की दिशा में अग्रसर हैं. हम बात कर रहे हैं लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड स्थित पीरीबाजार थाना क्षेत्र का पूरी तरह से नक्सल प्रभावित गांव लठिया की. यह गांव सदियों से डिबरी युग में जीने को मजबूर था.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2021 12:49 PM

रवि राज आनंद,लखीसराय: कुछ दिन पहले तक जिस गांव में शाम होते ही लोग घरों में कैद हो जाते थे, जहां रात भर नक्सलियों की आवाजाही होती रहती थी और लोग डर के साये में जीते थे, वहां अब स्थितियां बदल गयी हैं. वह गांव अब रात में दुधिया रोशनी से जगमगाता रहता है. जो बच्चे ढिबरी की मटमैली रोशनी में पढ़ाई कर अपनी आंख खराब कर रहे थे, वे अब बिजली की रोशनी में पढ़ाई कर भविष्य का अंधकार मिटाने की दिशा में अग्रसर हैं. हम बात कर रहे हैं लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड स्थित पीरीबाजार थाना क्षेत्र का पूरी तरह से नक्सल प्रभावित गांव लठिया की. यह गांव सदियों से डिबरी युग में जीने को मजबूर था.

सरकार की ओर से विद्युतीकरण अभियान के दौरान नक्सल प्रभावित गांवों तक भी रोशनी पहुंचाने कोशिश रंग लायी और आज चौरा राजपुर पंचायत के लठिया गांव के निवासी डिबरी युग से निजात पाते हुए रोशनी भरी जिंदगी जी रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं कि रोशनी आने से जिंदगी ही बदल गयी है. बिजली पहुंचने के बाद अब गांव में हर घर नल का जल पहुंचाने की कवायद भी की जा रही है. लठिया गांव के भैरो टोला स्थित स्कूल परिसर में पेयजल योजना के लिए बोरिंग किया गया है. वहीं घरों में पेयजल के लिए पाइप भी पहुंचायी गयी है, लेकिन नल को अभी पानी का इंतजार है.

लठिया गांव के भैरो टोला निवासी चांदो कोड़ा, सुरेन कोड़ा, चंदन कोड़ा ने बताया कि बिजली आने के बाद गांव की सूरत ही बदल गयी है. उनलोगों ने बताया कि बिजली पहुंचने के बाद कुछ एक सामर्थ्यवान व्यक्तियों ने बोरिंग कराकर अपने लिए पानी की व्यवस्था की है. बिजली आने के बाद बच्चों को पढ़ाई में भी काफी सहूलियत मिल रही है और घर के अन्य कार्य भी आसानी से हो पा रहे हैं. वैसे ग्रामीणों को एक चिंता यह भी सता रही है कि बिजली बिल कितना देना होगा, क्योंकि बिजली आपूर्ति बहाल होने के बाद से उनलोगों को अब तक बिजली का बिल नहीं मिला है, जिससे बिल का भुगतान किया जा सके.

Also Read: Sarkari Naukri 2021: PM मोदी से मुलाकात के बाद CM नीतीश ने बिहार में रोजगार पर दिया बड़ा बयान, बोले- जो कहा है, सिद्ध किया है

लठिया गांव के साहेब टोला निवासी पवन कोड़ा, मनोज कोड़ा, लखन कोड़ा, चुन्नी देवी कहती हैं कि साहब हमलोगों की जिंदगी तो जंगल से लकड़ी काट कर जलावन से खाना बना कर गुजर रही थी. इसके साथ ही वे लोग अपनी रात ढिबरी में ही गुजार रहे थे. अब बिजली मिलने से घर रोशन हुआ है. बच्चे देर रात तक पढ़ाई करते हैं. जीव-जंतु का रात में पहले डर बना रहता था. अब ऐसा नहीं है. वैसे चाहत है कि एक सड़क भी हमारे गांव में बन जाये.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version