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Jharkhand News : हाथियों का खौफ ऐसा कि झारखंड के एक गांव के बच्चे 6 महीने से नहीं जा पा रहे सरकारी स्कूल

Jharkhand News : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में जंगली हाथियों का खौफ अब इस कदर बढ़ गया है कि हाथियों के भय से बच्चे ना तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना आंगनबाड़ी. रंगामटिया गांव के लगभग 50 से अधिक बच्चे पिछले 6 महीने से स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जा पा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2022 12:29 PM

Jharkhand News : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया में जंगली हाथियों का खौफ अब इस कदर बढ़ गया है कि हाथियों के भय से बच्चे ना तो स्कूल जा पा रहे हैं और ना आंगनबाड़ी. मामला बड़ामारा पंचायत स्थित रंगामटिया गांव का है. रंगामटिया गांव के लगभग 50 से अधिक बच्चे पिछले 6 महीने से स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जा पा रहे हैं. गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए टांगासोली प्राथमिक विद्यालय तथा नौनिहालों को जामडोहरी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र जाना होता है.

मजदूर माता-पिता डर से नहीं भेजते अकेला स्कूल

टांगासोली स्कूल की दूरी गांव से 3 किलोमीटर तथा जामडोहरी आंगनबाड़ी केंद्र की दूरी गांव से लगभग 5 किलोमीटर है. समूचा क्षेत्र घने जंगलों से घिरा है. यहां लगातार हाथियों का आना-जाना लगा रहता है. गांव में गरीब मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं. कभी-कभी गांव के अभिभावक अपने साथ बच्चों को स्कूल तक ले जाते हैं और साथ लेकर वापस आते हैं जो प्रतिदिन उनके लिए संभव नहीं हो पाता. इसका कारण है कि गांव के पुरुष एवं महिलाओं को मजदूरी करने के लिए जाना पड़ता है. हाथियों के भय से अभिभावक अपने बच्चों को अकेला स्कूल नहीं छोड़ना चाहते हैं. इस परिस्थिति में रंगामटिया गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता चला जा रहा है.

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रंगामटिया प्राथमिक विद्यालय का विलय रद्द हो

रंगामटिया गांव के ग्राम प्रधान सोमाय हेंब्रम ने बताया कि गांव में रंगामटिया प्राथमिक विद्यालय था. लगभग 5 वर्ष पहले रंगामटिया स्कूल को टांगासोली प्राथमिक विद्यालय में विलय कर दिया गया. रंगामटिया गांव से विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं है. जंगल के रास्ते ही लोग आना-जाना करते हैं. क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक फैला हुआ है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर टांगासोली स्कूल तथा जामडोहरी स्थित आंगनबाड़ी केंद्र तक जाना संभव नहीं है. पिछले 6 महीने से बच्चे स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जा पा रहे हैं. गांव के लगभग सभी लोगों के कृषि कार्य में व्यस्त होने के कारण बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है. उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि उनके गांव के बच्चों के भविष्य को अंधकार में होने से बचाने के लिए रंगामटिया प्राथमिक विद्यालय को फिर से शुरू कर दिया जाए. रंगामटिया गांव स्थित दो टोलों में कुल मिलाकर लगभग 100 परिवार निवास करते हैं. गांव में 0 से 12 वर्ष तक के लगभग 50 बच्चे हैं. 6 वर्ष से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों का नामांकन बड़ामारा पंचायत स्थित टांगासोली प्राथमिक विद्यालय में कराया गया है. 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को जामडोहरी आंगनबाड़ी केंद्र जाना होता है.

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गांव के आसपास चार लोगों की हाथियों ने ले ली है जान

पिछले 2 वर्षों में रंगामटिया गांव के आसपास के क्षेत्र में जंगली हाथियों ने 4 लोगों की जान ले ली है. जिस कारण क्षेत्र के लोग हमेशा हाथियों के भय से आतंकित रहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 2 वर्षों में रंगामटिया गांव में 1, जुआलभांगा गांव में 2 तथा मौरबेड़ा गांव में 1 व्यक्ति की जान हाथी के हमले से जा चुकी है. ग्रामीणों के मुताबिक इस क्षेत्र में जंगली हाथी न सिर्फ रात में बल्कि दिन में भी निकल कर उत्पात मचाते हैं.

स्कूल दोबारा शुरू कराने पर होगा विचार

इस बारे में पूछे जाने पर चाकुलिया बीआरसी के प्रभारी बीपीओ प्रणव बेरा ने बताया कि अब तक स्कूल के शिक्षक एवं अभिभावकों द्वारा इस प्रकार की जानकारी विभाग को उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसी जानकारी मिलने पर शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों को मामले से अवगत कराते हुए रंगामटिया प्राथमिक विद्यालय को दोबारा शुरू कराने पर विचार किया जा सकता है.

रिपोर्ट : राकेश सिंह, चाकुलिया, पूर्वी सिंहभूम

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