Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ जिले के कुजू ओपी क्षेत्र अंतर्गत बड़की डूंडी में मंगलवार की अहले सुबह महुआ चुनने गई महिला को हाथी ने पटककर मार डाला. इस दौरान कई अन्य महिलाएं भागकर किसी तरह अपना जान बचायीं. सूचना मिलते ही ग्रामीण और वनकर्मी मौके पर पहुंचे. इस दौरान वनकर्मियों ने तत्काल सहायता राशि दी. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. इस घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
महुआ चुनने के दौरान हाथी का अटैक
बताया जा रहा है कि बड़की डूंडी निवासी पिंकी देवी (पति बासुदेव महतो) सुबह करीब 4 बजे महुआ चुनने के लिए घर से निकली थी. जब वह रखाबारी अपने महुआ पेड़ के समीप 4:30 बजे पहुंच कर महुआ चुनने लगी, तभी हाथी ने अपनी तेज गर्जना के साथ महिला को सूंढ़ से पकड़ कर घसीटने लगा. इसके साथ ही महिला को पटककर मार डाला. यही नहीं बल्कि महुआ से भरी टोकरी (मोनी) को तोड़ते हुए महुआ को तितर-बितर कर दिया. घटना के बाबत क्षेत्र के आसपास के लोग बड़ी सख्या में वहां पहुंचे.
सहायता राशि दिए जाने के बाद उठा शव सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंचे वनरक्षी सुनील कुमार, नितेश कुमार मुंडा, पवन कुमार अग्रवाल एवं आनंद कुमार ने इसकी जानकारी लेते हुए सहायता के तौर पर परिजनों को 10 हजार रुपए देने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने और सरकार द्वारा 4 लाख रुपए दिए जाने का जो प्रावधान है, उसके तहत तत्काल करीब 50 प्रतिशत रासि देने की मांग करने लगे. इस बीच वनकर्मियों एवं मुखिया प्रतिनिधि शोभा महतो, भोलेश्वर महतो, रामसेवक महतो, सूबेदार महतो, वीरू महतो समेत कई अन्य लोगों की मौजूदगी में समझौता किया गया. वन कर्मियों द्वारा कहा गया कि तत्काल सहायता के तौर पर 25,000 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. 1 लाख का चेक दशकर्म तक दिया जायेगा. बाकी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मृतक के आश्रित के खाते में भेज दिया जायेगा. इसके बाद सहायता राशि मृतका के पति को सौंपा गया. साथ ही पोस्टमार्टम के लिए शव को भेजा गया.
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बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल मृतका पिंकी देवी की दो लड़की क्रमशः प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी एवं एक लड़का जिसका नाम राहुल कुमार है. सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंचे इन बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था. आंख से आंसू थमने के नाम नहीं ले रहा था. कुछ देर के लिए वहां का माहौल पूरी तरह गमगीन हो गया था. घटना से सभी लोग सहमे हुए थे.
वन कर्मियों के समक्ष ग्रामीणों ने रखी मांग घटनास्थल पर जुटे ग्रामीणों ने मौजूद वन कर्मियों से हाथी से बचने के लिए टॉर्च, लाइट एवं कई आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि उनका गांव बोकारो वन क्षेत्र से सटा हुआ है. ऐसे में रात का अंधेरा हो या फिर दिन. बीच-बीच में हाथियों का झुंड का आना जाना लगा रहता है. हाथियों ने कई व्यक्तियों को पहले भी अपनी चपेट में ले लिया है. साथ ही फसलों को भी बर्बाद कर दिया है. ऐसे में क्षेत्र के लोग हाथियों के आतंक से कैसे सुरक्षित रहें, इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. जिस पर वन कर्मियों ने आश्वस्त कराते हुए कहा कि लोगों की मांग जायज है. इस अधिकारियों के समक्ष रखा जायेगा.
रिपोर्ट: धनेश्वर