Jharkhand News: झारखंड के जामताड़ा जिला (Jamtara District) के मिहिजाम थाना क्षेत्र के गुवाकोला के जंगलों में हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है. इनकी संख्या करीब 30-35 है. झुंड में बच्चे तथा गर्भवती हथिनी भी है. हाथियों के झुंड को देखते हुए जामताड़ा (Jamtara News) वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा है. जामताड़ा वन विभाग के रेंजर रामचंद्र पासवान अपनी टीम के साथ गुवाकोला (Goakola Village) में कैंप कर रहे हैं.
दुमका वन विभाग के विशेष प्रशिक्षित कर्मियों की टीम की सहायता भी ली जा रही है. दुमका वन विभाग (Dumka Forest Department) की 14 सदस्यीय टीम जामताड़ा वन विभाग (Jamtara Forest Department) के साथ इलाके में कैंप कर रही है. टीम के सदस्य पटाखे, मशाल, ढोल, पुराने टायर व केरोसिन तेल से आग जलाकर हाथियों को ग्रामीण इलाके में प्रवेश करने रोकेंगे.
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गुरुवार की शाम को ही हाथियों के आने की सूचना पर जामताड़ा वन विभाग की टीम ने गुवाकोला के आसपास हाथियों के प्रवेश के मार्ग को चिह्नित कर लिया है. मौके से हाथियों के पांव के निशान जुटाये गये हैं. कई जगहों पर हाथियों के पांव के निशान मिले हैं. निशान से यह जानकारी मिली है कि दल में बड़े हाथियों के साथ बच्चे का दल भी है. पांव के निशान की मापी की गयी है. हाथियों के मल का गोला भी कई स्थानों पर मिला है.
यह पता चला है कि रात्रि प्रहर हाथियों का दल आबाद इलाके से होकर पहाड़ तक पहुंचा है. मिहिजाम के ग्रामीण इलाकों में हाथियों के आने की खबर से भय का माहौल है. शुक्रवार की शाम तक हाथियों का झुंड पहाड़ के नीचे बाहरी हिस्से में नहीं आया था. इसलिए अभी तक किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.
गुवाकोला गांव के नदजीक बसे गांवों में रहने वाले लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है. पिछले वर्ष भी चंद्रदीपा में हाथी ने एक ग्रामीण को मार डाला था. उसका नाम बाबूधन हांसदा था. उस समय हाथियों के दल ने नीलदाहा में एक ग्रामीण के खलिहान को भी नुकसान पहुंचाया था.
जामताड़ा वन विभाग के रेंजर रामचंद्र पासवान ने कहा कि हाथियों के दल को सुरक्षित निकालने के लिए दुमका वन विभाग टीम के प्रशिक्षित वनकर्मियों की मदद ली जा रही है. हाथी गुवाकोला के पहाड़ी इलाके में डेरा डाले हुए हैं. ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.
जामताड़ा से उमेश कुमार की रिपोर्ट