राउरकेल में आसमान से बरसे अंगारे दोपहर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार, 16 अप्रैल तक सभी स्कूल बंद
राज्य सरकार की ओर से हीट वेव पर हुई समीक्षा बैठक के बाद एडवाइजरी जारी की गयी है. जिसके तहत सभी लोगों को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक घरों में ही रहने की सलाह दी गयी है. बाहर निकलते समय चेहरे व सिर को ढकने के लिए कहा गया है.
पश्चिम ओडिशा के सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा व संबलपुर में बुधवार को गर्मी का रौद्र रूप दिखा. स्मार्ट सिटी राउरकेला में जहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया, वहीं मौसम विभाग ने सुंदरगढ़ जिले के लिए 13 और 14 अप्रैल को येलो वार्निंग जारी की. जिससे शहरवासियों की चिंताएं और बढ़ गयी हैं. इससे पहले मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि 16 अप्रैल तक जिले सहित राज्य के कई हिस्सों में हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी. जो समय बीतने के साथ सही साबित होती जा रही है.
मौसम के इस बदलाव को देखते हुए राज्य का तंत्र भी हरकत में आ गया है. आनन-फानन में राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को 16 अप्रैल तक के लिए छुट्टी देने का निर्देश दे दिया और बुधवार से स्कूलों ने इसपर अमल भी शुरू कर दिया. हालांकि, छुट्टी से संबंधित सूचना सभी अभिभावकों को नहीं मिल पायी थी, जिस कारण कई स्कूलों में बच्चों को लेकर अभिभावक पहुंच गये थे. इससे उन्हें थोड़ी परेशानी भी हुई.
सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक घरों में रहने की सलाह: राज्य सरकार की ओर से हीट वेव पर हुई समीक्षा बैठक के बाद एडवाइजरी जारी की गयी है. जिसके तहत सभी लोगों को सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक घरों में ही रहने की सलाह दी गयी है. बाहर निकलते समय चेहरे व सिर को ढकने के लिए कहा गया है.
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गर्मी से बचाव के टिप्स
शहर में अचानक तापमान में अत्यधिक बढ़ोतरी होने से लोगों को कई तरह की बीमारियां होने का खतरा है. ऐसे में कुछ आसान टिप्स अपना कर हम गर्मी में होने वाली इन बीमारियों से बच सकते हैं. शहर की चिकित्सक डॉ पूजा पति ने शहरवासियों से राज्य सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है. साथ ही इस मौसम में कैसे हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं, यह भी बताया.
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तापमान बढ़ने पर डायरिया, उल्टी, कमजोरी आदि होने की संभावना रहती है. ऐसे में पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें.
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रोजाना समय पर स्नान करें, चाहे कितना भी व्यस्त रहें.
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ज्यादा से ज्यादा शुद्ध, उबला पानी व लिक्विड जूस का सेवन करें. शरीर में पानी की कमी होने से भी कमजोरी व अन्य बीमारी होती है.
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अपने साथ हमेशा एक पानी की बोतल रखें. इसे खुद पीयें और दूसरों की प्यास बुझाने के काम भी लायें.
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खासकर छोटे बच्चों पर ध्यान दें. क्योंकि ऐसे मौसम में फूड प्वाइजनिंग होने की संभावना ज्यादा रहती है.
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खाने में हरी सब्जियां और फल ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. खासकर ऐसे फलों का सेवन करें जिसमें पानी की मात्रा ज्यादा रहती है जैसे तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि. हो सके तो घर का ही खाना खायें, बाहर खाने से परहेज करें.
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प्यास लगने पर कोल्डड्रिंक के बदले फल का जूस पीजिए.