Agra News: सांस के मरीजों के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज में बनाया गया आकस्मिक वार्ड, 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती
डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि दीपावली पर वातावरण में धुएं से अस्थमा, सीओपीडी, टीबी के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं. सांस लेने में दिक्कत के साथ ही घबराहट और बेचौनी होती है. ऐसे मरीजों के लिए ही 10 बेड का स्पेशल वॉर्ड बनाया गया है. यहां 24 घंटे डॉक्टर तैनात हैं.
Agra News: आगरा में वायु प्रदूषण के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दीपावली पर बम-पटाखे के धुएं के कारण स्थिति और खराब हो गई है. सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की समस्या में इजाफा हुआ है. लोगों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए एसएन मेडिकल कालेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट में 10 बेड का स्पेशल वॉर्ड तैयार किया गया है. जहां 24 घंटे डॉक्टरों की तैनाती की गई है. अस्थमा अटैक, सांस फूलना, घबराहट, बेचैनी के मरीजों को यहां भर्ती किया सकता है. और किसी भी आकस्मिक समस्या से जूझने के पूरे इंतजाम कर रखे हैं. शहर में बीते दिनों वायु प्रदूषण के कारण स्मॉग बहुत ज्यादा हो गया था. एक्यूआई भी लगातार बढ़ते हुए खतरनाक स्थिति में पहुंच गया था. इससे सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी. सीने में जकड़न, काली बलगम, घुटन, सांस लेने में परेशानी आदि दिक्कतों के साथ लोग मेडिकल कॉलेज के चेस्ट एंड टीबी डिपार्टमेंट की ओपीडी में पहुंच रहे थे. उस समय सामान्य तौर पर 130 मरीजों वाली ओपीडी 250 हो गई थी. इसके बाद हल्की बरसात के बाद स्थिति में सुधार देखने को मिला. अब दीपावली पर आतिशबाजी के बाद एक बार फिर स्थिति चिंताजनक हो गई है.
अस्थमा-टीबी मरीजों को होती है ज्यादा दिक्कत
डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि दीपावली पर वातावरण में धुएं से अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), टीबी के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं. सांस लेने में दिक्कत के साथ ही घबराहट और बेचौनी होती है. ऐसे मरीजों के लिए ही आगरा में 10 बेड का स्पेशल वॉर्ड बनाया गया है. यहां 24 घंटे डॉक्टर तैनात हैं.
Also Read: स्वामी प्रसाद मौर्य अब ‘मां लक्ष्मी’ पर बेतुका बोल को लेकर हुए ट्रोल, पत्नी की पूजा करते पोस्ट की तस्वीरें
सांस के मरीज रखें ध्यान
जिन लोगों को सांस संबंधी बीमारियां हैं, वे इस मौसम में खास ध्यान रखें. मास्क लगाकर रखें. जिन बच्चों को एलर्जी है, वे खास सतर्कता बरतें. सुबह और शाम, जब प्रदूषण के कारण मौसम में धुंध की स्थिति देखने को मिले, तो बाहर जाने से परहेज करें. दवाएं समय पर लें और जरूरत होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.