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Varanasi News: कर्मचारी ने प्रोफेसर पर लगाया मारपीट का आरोप, कार्रवाई न होने पर दिया धरना

Varanasi News: कुलपति द्वारा इस मामले को देखते हुए घटना के दो दिन बाद कमेटी गठित की गई है. हालांकि इस कमेटी पर सवाल उठने लगे हैं. कमेटी में तीन सदस्य हैं और वे सभी प्रोफेसर हैं. कर्मचारियों ने मांग की कि कमेटी में एक प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होना चाहिए.

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2022 11:17 AM

Varanasi News: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के चपरासी पुनवासी लाल ने विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जितेंद्र शाही के बैग को कार से बाहर निकलते वक्त पकड़ने में देरी होने पर मारपीट करने का आरोप लगाया है, जिसकी शिकायत चपरासी ने कुलपति से भी की. मगर, उनके द्वारा 2 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने पर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने चपरासी पुनवासी के समर्थन में कार्य बन्द कर हड़ताल कर दिया और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया.

चपरासी से की गई गाली गलौज

कार के बाहर खड़े प्रोफेसर साहब का बैग थामने में देरी होने पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के चपरासी पुनवासी से थप्पड़बाजी व गाली गलौज की गई, जिसकी शिकायत चपरासी ने दो दिन पहले कुलपति कार्यालय में किया था. मगर प्रोफेसर के खिलाफ कोई एक्शन होता हुआ न देखकर, यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने चपरासी पुनवासी के समर्थन में कार्य बन्द कर हड़ताल कर दिया और सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया.

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धरना में लिप्त पाए जाने वालों पर होगी कार्रवाई

चपरासी पुनवासी लाल ने विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जितेंद्र शाही पर पीटने का आरोप लगाया है. इस बात से क्षुब्ध होकर यूनिवर्सिटी के फोर्थ ग्रेड के कर्मचारियों ने शनिवार को धरना दिया, जिस पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर आगाह किया है कि वर्तमान समय में आदर्श आचार संहिता के साथ-साथ शहर में धारा 144 लागू है. इस दौरान किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन और हड़ताल पूरी तरह से प्रतिबंधित है. यदि कोई धरना में लिप्त पाया गया तो आचार संहिता के उल्लंघन में जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचित कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

कुलपति ने गठित की कमेटी

कुलपति द्वारा इस मामले को देखते हुए घटना के दो दिन बाद कमेटी गठित की गई है. हालांकि इस कमेटी पर सवाल उठने लगे हैं. कमेटी में तीन सदस्य हैं और वे सभी प्रोफेसर हैं. कर्मचारियों ने मांग की कि कमेटी में एक प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होना चाहिए.

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कर्मचारी के साथ ऐसी घटना निंदनीय

वीसी ऑफिस के सामने धरना दे रहे कर्मचारियों ने कहा कि विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जितेंद्र शाही द्वारा यूनिवर्सिटी के कर्मचारी के साथ ऐसी घटना निंदनीय है और इसके बावजूद 2 दिनों तक कुलपति द्वारा इस प्रकरण में कोई कार्रवाई नहीं करना, हम कर्मचारियों के साथ नाइंसाफी है. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक कार्रवाई नहीं होगी, वे धरना से पीछे नहीं हटेंगे. फिलहाल कमेटी गठित कर देने पर धरना बंद कर दिया गया है.

प्रोफेसर प्रतिदिन देरी से यूनिवर्सिटी आते हैं

इस पूरे प्रकरण को लेकर विस्तार से बताते हुए चपरासी पुनवासी ने कहा कि यह घटना 17 फरवरी की है. प्रोफेसर प्रतिदिन देरी से यूनिवर्सिटी आते हैं. उस दिन भी वे दोपहर में डेढ़ बजे विश्वविद्यालय आये और उसी वक्त मैं अपना मोबाइल फोन देख रहा था. जैसे ही कार गेट के पास पहुंची, उन्होंने कार का दरवाजा खोलते हुए मेरे शर्ट का कॉलर खींचकर दो-चार थप्पड़ रसीद कर दिए. इसकी लिखित शिकायत कुलपति से की गई, मगर उन्होंने इसे अब तक गंभीरता से नहीं लिया.

कर्मचारी के साथ मारपीट करने का अधिकार किसी को नहीं है

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुशील तिवारी ने कहा कि किसी भी अध्यापक को कर्मचारी के साथ मारपीट करने का अधिकार नहीं है. यदि कर्मचारी के किसी भी कार्य से उन्हें आपत्ति है तो वे इसकी कार्रवाई करने की संस्तुति ही कर सकते हैं. न कि मारपीट कर सकते हैं. कैंपस में किसी प्रोफेसर का यह बर्ताव बर्दाश्त से बाहर है.

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प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से संघ के उपाध्यक्ष प्रदीप पांडेय, महामंत्री यदुनाथ त्रिपाठी, विनय कुमार, पं. सुनील कुमार चौधरी, आनंद श्रीवास्तव, शिशिर सिंह, केके मिश्र, त्रिभुवन मिश्र, अखिलेश मिश्र सहित अन्य लोग शामिल रहे.

रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी

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