दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को इस साल ‘दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार के लिए चुना गया है. ये खबर जानकर उनके फैंस काफी खुश हो जाएंगे.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है.
"I feel an immense sense of happiness and honour in announcing that Waheeda Rehman ji is being bestowed with the prestigious Dadasaheb Phalke Lifetime Achievement Award this year for her stellar contribution to Indian Cinema," says Union I&B Minister Anurag Thakur. pic.twitter.com/IGGGgp6tXM
— ANI (@ANI) September 26, 2023
वहीदा रहमान ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत गुरु दत्त की प्रोडक्शन सीआईडी से की थी. इसके बाद उन्होंने कागज के फूल, साहिब बीवी और गुलाम, गाइड, काला बाजार, रूप की रानी चोरों का राजा, राम और श्याम, आदमी, तीसरी कसम और खामोशी जैसी कई फिल्मों में काम किया था.
वहीदा रहमान कई फिल्मों का हिस्सा रही हैं, लेकिन उनका पहला उल्लेखनीय काम 1957 में फिल्म प्यासा में था. इसके अलावा नील कमल, आदमी, कागज के फूल, तीसरी कसम, बात एक रात की ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया.
वहीदा रहमान को 1971 में उनकी फिल्म रेशमा और शीरा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था. उन्हें 1972 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था और 2006 में एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
एक्टिंग के अलावा वहीदा रहमान एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर हैं. उन्होंने फिल्मों में नृत्य करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद उनकी पहली तेलुगु फिल्म रोजुलु मारायी के निर्माता ने उनसे कलाकारों का हिस्सा बनने का आग्रह किया. इसके बाद फिल्म में काम करने का उनका रास्ता खुल गया.
देव आनंद के साथ उन्होंने सीआईडी से डेब्यू किया था. फिल्म सुपरहिट रही थी और इसमें दोनों की केमिस्ट्री को काफी पसंद किया गया था.
पर्सनल लाइफ की बात करें तो वहीदा रहमान ने 1974 में शशि रेखी से शादी किया था. उनके दो बच्चे है, जिनका नाम सोहेल और काशवी है. साल 2000 में लंबी बीमारी के कारण शशि की मृत्यु हो गई थी.
जब दत्त अपनी फिल्म के लिए नए चेहरे की तलाश कर रहे थे तो उनकी पहली मुलाकात हैदराबाद में वहीदा रहमान से हुई थी. जब वे दोनों प्यासा में साथ काम कर रहे थे तो उन्हें उनसे प्यार हो गया था.
वहीदा रहमान इतने साल कैमरे के सामने रहने के बाद अब कैमरे के पीछे अपने समय का आनंद ले रही है. वह वन्यजीव फोटोग्राफी का अभ्यास कर रही और उन्होंने अपने फोटोग्राफी कौशल का प्रदर्शन करते हुए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की थी.
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