Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के सर सुंदरलाल अस्पताल में कई दिनों से NEET-PG काउंसिलिंग न होने के मामले को लेकर जूनियर रेजिडेंट (JR) हड़ताल कर रहे हैं. इनके खिलाफ BHU के छात्रों ने ESMA (इसेंशियल सर्विस मेंटनेंस एक्ट) और महामारी एक्ट लगाने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि ड्यूटी पर न जाकर डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. यदि रेजिडेंट डॉक्टरों ने 12 घंटे में यह हड़ताल खत्म नहीं किया तो बड़ी संख्या में छात्र भी अपने तरीके से धरना प्रदर्शन पर बैठ जाएंगे. NSUI-BHU के एक प्रतिनिधिमंडल ने BHU के प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ल और जिला प्रशासन से इस तरह की कार्रवाई करने की मांग उठाई है.
BHU रेजिडेंट डॉक्टरों के क़ई दिनों से हड़ताल पर जाने की वजह से अस्पताल की OPD से मरीज वापस जा रहे हैं. OT ऑपरेशन थिएटर के बाहर स्ट्रेचर पर पड़े मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं ऑपरेशन के लिए लोगों को अब डेट भी मिलने में मुश्किल आ रही है. सीनियर डॉक्टर यह कहकर ऑपरेशन टाल रहे हैं कि डॉक्टर जब हड़ताल से लौटेंगे तक जाकर कुछ होगा. ऐसी स्थिति में तीसरी लहर की भी थोड़ी घटनाएं होने की सूचना पर स्थिति विकराल दिख रही है.
NSUI-BHU के एक प्रतिनिधिमंडल ने BHU के प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ल और जिला प्रशासन से मिलकर मरीजों को इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है. इसके बाद पत्रक सौंपते हुए चेतावनी भी दी कि यदि 12 घंटे में यह हड़ताल खत्म नहीं कराया गया तो बड़ी संख्या में छात्र भी अपने तरीके से धरना प्रदर्शन पर बैठ जाएंगे. उनके काम पर न होने से मरीजों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में छात्रों ने हड़ताली डॉक्टरों के पुतले भी मुख्य द्वार पर जलाए. प्रतिनिधिमंडल में राणा रोहित, नीरज, कपीश्वर, जंग बहादुर, अभिनव आदि शामिल रहे.
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(रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी)