Etawah News: सरकारी अस्पताल में हृदय रोगियों के लिए नहीं डॉक्टर, हालत बिगड़ने पर होते हैं रेफर
इटावा जिले के सरकारी अस्पताल में हृदय रोगियों के एक भी डॉक्टर नहीं है. ऐसे में हालत बिगड़ने पर गंभीर मरीजों को अन्य शहरों के लिए रेफर कर दिए जाता है.
Kanpur News: इटावा जिले में गम्भीर हृदय रोगियों के लिए आज भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यहां मरीजों के परिजनों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है. ऐसे में यहां हृदय रोगियों की संख्या भी अधिक बढ़ने लगी है.
गंभीर मरीजों को काटने पड़ते हैं चक्कर
दरअसल, ह्रदय रोग संबंधित गंभीर मरीजों को इटावा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय कोई सहूलियत नहीं मिलती. क्योंकि जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ न होने के चलते मरीजों को शहर से 22 किलोमीटर दूर सैफई विश्वविद्यालय रेफर किया जाता है, लेकिन वहां के भी हाल बेहाल हैं.
रोगियों को नहीं मिलता इलाज
उत्तर प्रदेश सीएम और सैफई मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ की यूनिवर्सिटी में ह्रदय रोगी इलाज कराने तो जाते,लेकिन उनके हाथ सिर्फ निराशा ही लगती है, क्योंकि यहां हृदय रोगियों के इलाज की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है.
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खाली हैं कार्डियोलॉजिस्ट के पद
बता दें कि 1100 बेड वाले मेडिकल संस्थान में कार्डियोलॉजिस्ट का पद लगभग 8 माह से खाली है, जिस कारण इटावा और अन्य जनपदों से आने वाले ह्रदय रोगियों को निराशा हाथ लगती है. यही कारण है कि मजबूरन गंभीर अवस्था वाले मरीजों आगरा, ग्वालियर, कानपुर, लखनऊ जाना पड़ता है.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी