Euro 2021: यूरो कप सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंटों में से एक है. यूएफा ने सबसे पहले 1960 में फ्रांस में इसकी शुरुआत की थी. कुल चार टीमें शामिल हुई थीं. फाइनल में सोवियत यूनियन ने यूगोस्लाविया को हरा कर खिताब जीता था. चेकोस्लोवाकिया तीसरे और फ्रांस चौथे स्थान पर रहा था. 11 जून से जब इसके 16वें संस्करण का आगाज होगा, तो इसमें 24 टीमें हिस्सा लेंगी. डिफेंडिंग यूरो चैंपियन पुर्तगाल को ग्रुप ऑफ डेथ में रखा गया है. उन्हें वर्ल्ड चैम्पियन फ्रांस, जर्मनी और हंगरी के साथ ग्रुप एफ में रखा गया है.
डिफेंडिंग चैंपियन पुर्तगाल को मिला है कठिन ग्रुप
ग्रुप देश
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A – तुर्की, इटली, वेल्स, स्विट्जरलैंड
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B – डेनमार्क, फिनलैंड, बेल्जियम, रूस
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C – नीदरलैंड्स, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया ,नॉर्दन मेसिडोनिया
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D – इंग्लैंड, क्रोएशिया, स्कॉटलैंड, चेक रिपब्लिक
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E – स्पेन, स्वीडेन, पोलैंड, स्लोवाकिया
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F – हंगरी, पुर्तगाल, फ्रांस, जर्मनी
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16280 करोड़ रुपए का रेवेन्यू हुआ था. 2016 में फ्रांस में हुए यूरो कप में. टूर्नामेंट के एक साल के लिए टलने और कोरोना के मामले देखते हुए यूएफा को नुकसान की उम्मीद है. यूरो 2020 की मेजबानी के लिए 12 शहरों को चुना गया था. अब 11 शहरों लंदन, रोम, बाकू, सेंट पीटर्सबर्ग, सविल, बुखारेस्ट, बुडापेस्ट, कोपेनहैगन, ग्लास्गो, एम्सटर्डम और म्यूनिख में ही इसके मैच खेले जायेंगे.
यूरो 2020 का आयोजन पिछले साल ही होना था. लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे एक साल टालना पड़ा. हालांकि, इसके बाद ही इसे यूरो 2020 ही कहा जा रहा है. इसे लेकर आतंरिक समीक्षा और कई भागीदारों के साथ चर्चा के बाद यूईएफए की कार्यकारी समिति ने ये फैसला लिया.