Euro Cup 2020: रविवार को यूरो कप 2020 (Euro Cup 2020 Final) के फाइनल मुकाबले में इंटली और इंग्लैंड (Italy vs England) के बीच कांटे की टक्कर रही, लेकिन अंत में पेनाल्टी शूट आउट में इटली ने इंग्लैंड को हरा दिया. इटली ने 3-2 से पेनाल्टी शूट आउट में जीत दर्ज की. वहीं इंग्लैंड ने अपने तीन अंतिम मौकों को गंवा दिया. इंग्लैंड के जो तीन खिलाड़ी गोल नहीं कर पाए, उन्हें नश्लीय टिप्पणी (racist remarks) का शिकार होना पड़ा. हालांकि इंग्लैंड फुटबॉल एसोसिएशन ने इसकी कड़ी निंदा की.
इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन ने बयान जारी कर खिलाड़ियों के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली भाषा की निंदा की. टीमों ने अतिरिक्त समय के बाद खेल को 1-1 से ड्रा किया और इटली ने शूटआउट 3-2 से जीत लिया. एफए ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वह तीन खिलाड़ियों के साथ दुर्व्यवहार से ‘स्तब्ध’ है. एफए ने बयान जारी करके खिलाड़ियों के लिये उपयोग की जा रही भाषा की निंदा की. इंग्लैंड की टीम में सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक 19 वर्षीय बुकायो साका के पेनल्टी पर चूकने से इटली ने खिताब जीता.
बता दें कि इंग्लैंड 1966 विश्व कप के बाद कोई बड़ा टूर्नामेंट जीतने में नाकाम रहा है. यह लगातार तीसरा अवसर है जबकि इंग्लैंड को पेनल्टी शूट आउट में असफलता हाथ लगी. मार्कस रशफोर्ड और जादोन सांचो भी पेनल्टी पर गोल नहीं कर पाए. एफए ने कहा कि नस्लीय असमानता को समाप्त करने के लिए अपना समर्थन बढ़ाने के लिए टीम ने यूरोपीय चैंपियनशिप में खेलों की शुरुआत से पहले घुटने के बल बैठकर संकल्प लिया था.
एफए ने आगे कहा कि युवा और बहु-जातीय अंग्रेजी दस्ते ने रविवार को खिताब जीतने में नाकाम रहने से पहले प्रशंसकों का दिल जीत लिया है. बयान में कहा गया है कि एफए सभी प्रकार के भेदभाव की कड़ी निंदा करता है और सोशल मीडिया पर हमारे इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों के उद्देश्य से ऑनलाइन नस्लवाद से भयभीत है. हम स्पष्ट नहीं हो सके कि इस तरह के घृणित व्यवहार के पीछे टीम का अनुसरण करने में किसी का भी स्वागत नहीं है.
बयान में यह भी कहा गया कि हम प्रभावित खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह करेंगे. टीम ने ट्वीट किया कि हमें इस बात से घृणा है कि हमारे कुछ खिलाड़ी जिन्होंने इस गर्मी में अपने देश और खेल के लिए सब कुछ दिया है, उन्हें आज रात के खेल के बाद भेदभावपूर्ण दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा.
Posted By: Amlesh Nandan.