धनबाद में मुहर्रम को लेकर शहर में दोपहर तीन बजे की जगह एक बजे ही बिजली आपूर्ति बंद कर दी गयी. इस कारण लोगों को काफी परेशानी हुई. इनवर्टर तक फेल हो गया. लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा. कुछ जगहों पर जेनेरेटर चलाये गये. इतना ही नहीं बिजली संकट से शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में मरीजों काे भी काफी परेशानी हुई. अस्पताल में जेनसेट की व्यवस्था थी, बावजूद इसके विभिन्न वार्डों में एसी तो दूर पंखा तक नहीं चल रहा था. सीसीयू में भर्ती झरिया के पूर्व संजीव सिंह को भी परेशानी को झेलना पड़ी. बिजली कटने के बाद ही अस्पताल का एसी व पंखा बंद हो गया. इस कारण वार्ड में सफोकेशन होने लगी.
संजीव सिंह की तबीयत बिगड़ी
संजीव सिंह की तबीयत और बिगड़ने लगी. आठ घंटे तक अस्पताल में भर्ती संजीव सिंह समेत अन्य मरीज परेशान रहे. इसके बाद लोगों ने हो-हल्ला करना शुरू कर दिया. परिजन भी हंगामा करने लगे. इसी वार्ड में भर्ती सर्प दंश के मरीज को परिजन अपने हाथों से हवा कर रहे थे.
मामले की जानकारी मिलने के बाद संजीव सिंह की पत्नी भाजपा नेत्री रागिनी सिंह अस्पताल पहुंची. पूरे अस्पताल परिसर में अंधेरा पसरा हुआ था. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के साथ ही बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन किया. इसके बाद रात करीब नौ बजे एसएनएमएमसीएच में बिजली आयी. इसके बाद मरीजों ने राहत की सांस ली. रागिनी सिंह ने कहा : अस्पताल के पास अपनी व्यवस्था होनी चाहिए. बिजली गुल होने पर एसी नहीं तो कम से कम पंखा चलना ही चाहिए.
10 घंटे बाद रात लौटी बिजली
लोगों ने जब बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन कर जानकारी ली, तो बताया गया कि रात 11 बजे के बाद बिजली आयेगी. 10 घंटे तक बिजली नहीं रहने के कारण लोग परेशान हो उठे. उमस भरी गर्मी में लोगों के घरों में लगा इंवर्टर तक फेल हो गया. शाम ढलते ही लोगों के घरों में अंधेरा छा गया. शहर में दोपहर तीन बजे से बिजली काटने की तैयारी बिजली विभाग की ओर से की गयी थी, लेकिन बेरमो में बिजली तार के संपर्क में ताजिया के आने के कारण बड़ी घटना गया.
सड़कों पर छाया रहा अंधेरा
शाम होते ही शहर के सड़के पर अंधेरा छा गया. इस कारण राहगीरों को परेशानी हुई. रात 11 बजे बिजली आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली. बिजली चालू होने के बाद लोड बढ़ गया. बिजली के आने-जाने का दौर शुरू हो गया. देर रात तक बिजली आपूर्ति सामान्य हो पायी.