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झारखंड : एक रैंक-एक पेंशन की मांग को लेकर पूर्व सैनिक सड़क पर उतरे, साहिबगंज डीसी को सौंपा ज्ञापन

एक रैंक-एक पेंशन की मांग को लेकर साहिबगंज में पूर्व सैनिक सड़क पर उतरे. इस दौरान दिल्ली के जंतर-मंतर में चल रहे धरना-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए 12 सूत्री मांगों को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा.

Jharkhand News: साहिबगंज जिला भूतपूर्व सैनिक संघ द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर में 20 फरवरी, 2023 से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन को समर्थन देने और केंद्र सरकार को जवानों को न्याय देने सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर रेलवे जेनरल इंस्टीट्यूट से अध्यक्ष तेजनारायण राय के नेतृत्व में रैली निकली. रैली में शामिल लोगों ने शहर के नगर थाना के नजदीक पहुंचकर थाना में कैंप कर रहे डीसी रामनिवास यादव को ज्ञापन सौंपा.

पूर्व सैनिक जवानों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी

सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले कुछ समय से जवानों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है. देश आजाद होने से लेकर अभी तक जवानों के साथ लगातार भेदभाव और अन्याय होता रहा है. इसके खिलाफ पूर्व सैनिक जवानों की ओर से 20 फरवरी, 2023 से लेकर जंतर-मंतर दिल्ली में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन जारी है.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन को समर्थन

ज्ञापन में उन्होंने जंतर-मंतर पर चल रहे प्रदर्शन को पूरा समर्थन देने की बात कही है. कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहे धरना-प्रदर्शन के लिए जैसे भी डयूटी लगायी गयी, हम अपने राज्य की तरफ से पूरा समर्थन करेंगे. केंद्र सरकार द्वारा 23 दिसंबर, 2022 को एक रैंक-एक पेंशन को लागू करने के बारे में जानकारी दी गयी है. इसमें बताया गया कि कलर सर्विस करके आये जवानों तथा एक जुलाई, 2014 से पहले प्रो मैच्योर रिटायरमेंट आये सैनिकों को एक रैंक-एक पेंशन का लाभ नहीं दिया जायेगा.

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प्रो मैच्योर रिटायरमेंट नहीं होते जवान

कहा गया कि जवान कभी भी प्रो मैच्योर रिटायरमेंट नहीं होते, क्योंकि उनका एग्रीमेंट 52 साल का होता है, जबकि ऑफिसर्स का एग्रीमेंट 58 साल तक का होता है. अगर ऑफिसर्स 58 साल से पहले रिटायरमेंट लेते हैं तो उसे प्रो मैच्योर रिटायमेंट कहा जाता है. हमारी मांग है कि सभी जवानों को एक रैंक-एक पेंशन का लाभ दिया जाये. सेना के ऑफिसर्स 58 से 60 साल की उम्र में पेंशन आते है. एक रैंक-एक पेंशन का लाभ ऑफिसर्स को नहीं मिलना चाहिये, क्योंकि ओआरओपी की परिभाषा है कि जवानी को कम उम्र 32 से 40 साल की उम्र में पेंशन भेज दिया जाता है. इसलिए उन्हें एक रैंक-एक पेंशन का लाभ दिया जाये. इस अवसर पर अमित तोदी, सियाराम मिश्र, सुदर्शन पांडेय, अनिल कुमार, आरएस पांडेय सहित कई भूतपूर्व सैनिक अन्य सदस्य उपस्थित थे.

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