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Exclusive: अनुराग कश्यप सर को लगता है मैं अच्छी एक्ट्रेस हूं तो जरूर होऊंगी- अलाया एफ

जवानी जानेमन, फ्रेडी के बाद अभिनेत्री अलाया एफ हालिया रिलीज हुई फिल्म अलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत में नज़र आ रही हैं. अनुराग कश्यप निर्देशित इस फिल्म को वह बहुत खास करार देती हैं, क्योंकि लगातार रिजेक्शन को झेलने के बाद अनुराग कश्यप ने ही उनपर भरोसा किया.

जवानी जानेमन, फ्रेडी के बाद अभिनेत्री अलाया एफ हालिया रिलीज हुई फिल्म अलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत में नज़र आ रही हैं. अनुराग कश्यप निर्देशित इस फिल्म को वह बहुत खास करार देती हैं, क्योंकि लगातार रिजेक्शन को झेलने के बाद अनुराग कश्यप ने ही उनपर भरोसा करते हुए यह फिल्म उन्हें ऑफर की थी. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…

जवानी जानेमन और फ्रेडी के बाद ये फिल्म अलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत में आप एक्टर के तौर पर कितनी अलग होने वाली हैं?

ये बहुत ही ज़्यादा अलग है. इस फिल्म में मैं एक नहीं बल्कि तीन किरदार निभा रही हूँ. एक डबल रोल है और एक टिक टोक वाली पर्सनालिटी है. हम इस फिल्म को चार सालों से शूट कर रहे हैं. इसके बीच में मैंने अपनी और फ़िल्में शूट की है. जो रिलीज हो गयी हैं. मेरा एक्टिंग लेवल और मेरा चेहरा ये सब इस फिल्म के साथ ग्रो हुआ है, तो इसमें कुछ अलग ही फीलिंग्स है. बहुत रॉ है. बहुत नेचुरल है.

तीन किरदारों के लिए क्या सीखना पड़ा ?

अनुराग सर तैयारियों पर यकीन नहीं करते हैं ,तो यह बिलकुल अलग अनुभव था. मैंने अनुराग सर से पूछा था कि अनुराग सर इसके लिए मैं क्या तैयारी करूँ . उन्होंने बोलै कोई तैयारी की ज़रूरत नहीं है. बस तुम सेट पर आ जाना. मैंने बोलै लाइन्स. वो बोले बस सेट पर आ जाओ. जब हम सेट पर पहुँचते थे , तो हमें अपनी लाइनें मिलती थी. जब हम मार्क तक वाक कर रहे थे ,तो उस दौरान हमें डायलेक्ट की ट्रेनिंग मिलती थी. ऑन सेट सबकुछ होता था. जो बहुत अच्छी बात थी ,जो इम्पल्सिव एक्टिंग होती है , जिसमें पहले से ज़्यादा तैयारी नहीं है, बस पलों को महसूस करना है और उसी में आपको एक्टिंग करनी है. वही इस फिल्म में मैंने किया.जो एक्टिंग की बहुत ही स्पेशल स्किल है. जिसका इस्तेमाल मैं अपनी हर फिल्म में करना चाहूंगी.

इस फिल्म के साथ आप ४ वर्षों से जुड़ी हुई हैं , मौजूदा दौर में आप इसे कितना सही मानती हैं , जहाँ छह से आठ महीने में फिल्में खत्म हो जाती हैं?

यह फिल्म मेरे लिए बहुत स्पेशल है , क्यूंकि यह मेरी पहली फिल्म होने वाली थी. इस फिल्म को मैंने जवानी जानेमन के पहले साइन किया था. अनुराग सर पहले इंसान थे , जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया. वो मेरे लिए बहुत स्पेशल है , क्यूंकि अनुराग सर ने मुझमे विश्वास किया और मुझे फिल्म ऑफर करके मोटिवेट किया. जिस वजह से मुझमे बहुत आत्मविश्वास आ गया और मैं जवानी जानेमन और फ्रेड्डी में मैं अच्छा परफॉरमेंस दे पायी. अनुराग सर ने अगर उस दिन मुझे आत्मविश्वास नहीं दिया होता , तो मुझे नहीं पता कि मेरा करियर कहाँ जाएगा. उस वक़्त मेरा अच्छा टाइम नहीं चल रहा था. मुझे रिजेक्शन पर रिजेक्शन मिल रहे थे. लोगों से मिल रही थी. ऑडिशंस दे रही थी ,लेकिन किसी प्रोजेक्ट पर कोई बात ही नहीं हो रही थी. एक फेज ऐसा था जब मुझे लगा कि मैं एक्टर नहीं बन पाउंगी.

अनुराग कश्यप ने आपको कहाँ और कैसे नोटिस किया था ?

मैं उनसे जाकर खुद से मिली थी. मुझे अपना रील उनको दिखाना था. जिसे मैंने अपनी एक्टिंग क्लास में शूट किया था. मैंने अपने मन में इस बात को भी तय कर लिया था कि अनुराग सर रील देखने के बाद कहेंगे बहुत अच्छे , लेकिन कोई मौका मिलने से रहा.मैंने सोचा कि ठीक है, अगर मौका ना भी मिले मेरे एक्टिंग रील्स को देखने के बाद ,लेकिन मैं अनुराग सर से ये टिप्स ज़रूर लुंगी कि आखिर मैं गलतियां कहाँ कर रही हूँ. खुद को किस तरह से बेहतर बनाऊं. जैसे मैं अनुराग सर से मिली उन्होंने कहा कि मैं तुम्हारे टाइप की फिल्में नहीं बनता हूँ. मैं टेढ़ी फिल्में बनता हूँ. मैं समझ गयी कि मुझे यहाँ भी रिजेक्शन मिल रहा है. मैं अनुराग सर को बोला कि मुझे फिल्म नहीं चाहिए. बस आपको अपनी एक्टिंग रील्स दिखानी थी. कुछ अगर आप मुझे एडवाइज दे सकें. मेरा सात मिनट का रील था. उसमें मैंने बहुत सारी फिल्मों के सीन्स किए थे. वो रील देखने के बाद अनुराग सर ने मुझे यह फिल्म ऑफर कर दी.उस पल ने मुझे इतना आत्मविश्वास से भर दिया था कि जब कोई मुझे रिजेक्ट करता था , तो मुझे लगता था कि ये मेरा नहीं उनका घाटा है. अनुराग सर को लगता है कि मैं अच्छी एक्ट्रेस हूँ , तो मैं ज़रूर अच्छी एक्ट्रेस होउंगी.

अनुराग कश्यप सेट पर कितने बड़े टास्क मास्टर थे ?

बिल्कुल भी नहीं , अनुराग सर बहुत स्वीट और प्योर इंसान हैं. सेट पर उनकी बस एक ही मांग होती थी कि सीन में बस ईमानदार रहो. मोमेंट में रहो. डायलॉग बोलो . एक्टिंग मत करो. अच्छा सीन मिलने पर वह एक बच्चे की तरह कूदने लगते थे. डांस करने लगते थे. उन्होंने पूरी फिल्म के दौरान हमें गाइड किया. सपोर्ट किया और बहुत ज़्यादा प्रोत्साहित किया.

सीन करने के बाद क्या आप खुद को मॉनिटर में देखती हैं, आपका प्रोसेस होता है?

मैं जब एक्टिंग का कोर्स कर रही थी , तो मैं अपने सीन्स को उस वक़्त रिकॉर्ड करती थी. मेरे टीचर्स मेरे लिए वो रिकॉर्ड कर देते थे. उसके बाद करेक्शन करती थी कि इसमें क्या वर्क कर रहा है ,क्या नहीं. उसके बाद उन करेक्शन को ध्यान में रखकर मैं दूसरा टेक करती थी. मैं जब फिल्म सेट पर भी गयी तो मैं सीन करने के बाद मॉनिटर पर जाती हूँ और मैं देखती हूँ कि क्या काम कर रहा है. क्या नहीं. उसके बाद मैं डायरेक्टर सर के साथ डिस्कस करके एक और टेक करती हूँ , लेकिन अनुराग सर के साथ ऐसा नहीं किया , क्यूंकि वो मॉनिटर देखने नहीं देते हैं. कोई भी एक्टर उनके सेट पर मॉनिटर नहीं देख सकता है. इस फिल्म के दौरान मैंने मॉनिटर एक बार भी नहीं देखा है , लेकिन मैंने एडिट के बाद फिल्म को बहुत बार देखा है. ये अनुभव बहुत ही अलग रहा.

अलमोस्ट प्यार विथ डीजे मोहब्बत की खास बात क्या है, जो यह फिल्म सभी को अपील करेंगी?

ये फिल्म हर किसी के साथ कनेक्ट करेगी , क्यूंकि बहुत समायिक है. इसमें जो इमोशंस हैं. वो हर किसी की ज़िन्दगी में हैं. प्यार करने वाले , प्यार का विरोध करने वाले. यह बहुत ही मासूम सी प्रेम कहानी है. जो बहुत ही पवित्र है. अनुराग सर की फिल्म है न, लेकिन फिल्म की रेटिंग यूए है. जिस किसी ने भी प्यार किया है. वह इससे रिलेट कर सकता है.

प्यार की आपकी क्या परिभाषा है?

मेरी प्यार की परिभाषा ये है कि अगर दो लोग एक दूसरे को सपोर्ट , प्रोत्साहित कर सके , यही हेल्थी लव है. ज़िन्दगी को आसान बनाना चाहिए. कई लोगों को लगता है कि प्यार में झगड़ा है , तकरार है तो जूनून है. मैं इसमें यकीन ही नहीं करती हूँ. मुझे लगता है कि प्यार ज़िन्दगी को आसान बना देता है.

अक्सर कहा जाता है कि आज के प्यार में फिजिकल अट्रैक्शन ज्यादा है?

फिजिकल अट्रैक्शन हमेशा से था. अभी के दौर में उसपर बातचीत ज़्यादा है अभी लोग इन चीज़ों पर बात करने में सहज हो गए हैं.

आपकी मम्मी पूजा बेदी आपकी जर्नी पर क्या कहना है, क्या वह आपको टिप्स देती हैं?

मेरी मम्मी बहुत प्राउड करती है. हम फिल्मों के बारे में ज़्यादा बात नहीं करते हैं. हमेशा सबसे अच्छे से बात करना. समय पर शूट पर पहुंचना. अपने कमिटमेंट्स को हर हाल में पूरा करना. इन्हीं सब पर वह मुझे फोकस करने को कहती हैं.

क्या वह अपनी गलतियों को ना दोहराने को कहती हैं, जो उन्होने अपने एक्टिंग कैरियर में किए थे?

मौजूदा दौर काफी अलग है. वों दौर अलग था. उस दौरान आपको सिर्फ और सिर्फ फिल्मों पर ही निर्भर रहना पड़ता था. आज फिल्मों के अलावा ओटीटी बड़ा माध्यम बनकर उभरा है. जिसमें सभी के लिए अच्छे मौके हैं. ऐसे में मेरी मॉम की जर्नी मुझसे काफी अलग थी.वैसे मेरी मां कभी भी अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थी. उनके सपने कभी भी बड़ी अभिनेत्री बनने के नहीं थे. जिस वजह से उनकी जो भी जर्नी रही एक्टिंग में उसका उन्हें कभी कोई अफ़सोस नहीं हुआ. वे हमेशा इंडस्ट्री के बारे में अच्छी ही बातें करती हैं.

आपकी आनेवाली फ़िल्में कौन सी हैं?

बहुत सारी हैं. साउथ की फिल्म यू टर्न का हिंदी रीमेक है. राजकुमार राव के साथ बायोपिक फिल्म श्री में हूँ . दो फ़िल्में और हैं, लेकिन उसपर बात नहीं कर सकते हैं.

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