Exclusive: फिल्म में काम पाने के लिए निर्देशकों को सामने से भी कॉल करती हूं- Janhvi Kapoor
जाह्नवी कपूर की फ़िल्म गुडलक जेरी का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हो गया है. फिल्म में वो एक बिहारी लड़की के रोल में दिख रही है.
अभिनेत्री जाह्नवी कपूर की फ़िल्म गुडलक जेरी जल्द ही ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर दस्तक देनेवाली हैं. एक बार फिर वह शीर्षक भूमिका में है. वह इसे खास करार देती हैं ,लेकिन यह भी बताती हैं कि वह अपनी हर फिल्म से कहती हैं कि मैं बहुत मेहनत करुंगी. सबसे ज़्यादा मेहनत करुंगी. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
गुडलक जेरी ने एक्टर के तौर पर आपको किन चुनौतियों से रूबरू करवाया ?
इस फिल्म में मैं एक बिहारी लड़की का किरदार निभा रही हूं ,जो अपने आप में एक बड़ा चैलेंज था. मैं कभी बिहार नहीं गयी हूं. सीधे तौर पर किसी बिहारी से सम्पर्क भी नहीं रहा है , तो भाषा और डिक्शन पर काफी काम किया. उस दुनिया को अच्छी तरह से समझने में काफी वक़्त लगाया. गणेश मेरे डायलेक्ट कोच थे , जो बिहार से ही हैं ,तो उन्होंने बहुत मदद की.
फिल्म की कहानी और जेरी की दुनिया क्या है ?
यह एक तमिल फिल्म का रीमेक है. जेरी का एक डायलॉग हैं कि हम जितना दिखते हैं, उतना हैं नहीं. जेरी जैसी दिखती है. वैसे बिलकुल भी नहीं है. टॉम एंड जैरी के कार्टून में भी जेरी आपको बहुत मासूम लगता है, लेकिन वो बहुत शातिर है. वो टॉम को हमेशा चकमा देता रहता है. जेरी की दुनिया भी वैसी है. उसकी ज़िन्दगी में बहुत सारे टॉम हैं. एक दिन वो तय करती है कि बहुत जी लिए गुड लाक का इंतज़ार करते -करते. अब अपनी ज़िन्दगी को को अपने हाथ में लेते हैं. उसके बाद क्या होता है,यही कहानी है.
असल ज़िन्दगी में आप कितना किस्मत में यकीन करती हैं ?
मेहनत महत्वपूर्ण है. एक पॉजिटिव आउटलुक रखना ज़रूरी है ,लेकिन मैं जिस परिवार में पैदा हुई हूं , जिस मौके के साथ पैदा हुई हूं , उसमें मेरी कोई मेहनत नहीं थी. उस चीज़ को आप लक मान सकते हैं. अगर उस लक के साथ मैंने मेहनत नहीं की होती , तो मैं कुछ नहीं कर पाती थी,तो दोनों ज़रूरी है.
किस्मत के लिए क्या किसी खास चीज़ को फॉलो भी करती हैं क्या ?
( हंसते हुए ) हां मैं अपनी हर फिल्म की स्क्रिप्ट को लेकर तिरुपति जाती हूं. ममा(श्री देवी) अपने हर बर्थडे पर तिरुपति चढ़ती थी. जब वो काम करती थी. शादी के बाद वो बंद हो गया था. पता नहीं अंदर से एक आवाज़ आयी और चार साल पहले लगा कि अब उनके हर बर्थडे पर मैं तिरुपति जाउंगी. मेरे लिए वो अनुभव इतना खास था कि मैंने अपने बर्थडे पर भी जाना शुरू कर दिया. उसके बाद नया साल में भी जाना, इस लिस्ट में शामिल हो गया.
अक्षय कुमार का कहना है कि इंडस्ट्री में ८० प्रतिशत किस्मत और २० प्रतिशत मेहनत की ज़रूरत होती है , आपकी क्या सोच है ?
उन्हें ज़्यादा पता होगा वो काफी सीनियर हैं , उन्होंने इस इंडस्ट्री में काफी समय गुज़ारा है, लेकिन मेरे हिसाब से ४० प्रतिशत लक और ६० प्रतिशत मेहनत है.
इंडस्ट्री में चार साल बीत गए हैं , इंडस्ट्री को कितना समझने लगी हैं ?
(हंसते हुए ) पहले तो मैं घंटा जानती थी. अभी भी २० प्रतिशत ही जानती हूं. इतना कुछ नहीं जानती हूं इंडस्ट्री के तौर तरीकों को लेकर. लोग कैसे सोचते हैं कैसे काम करते हैं. मेरी रूचि सेट पर ही खत्म हो जाती है. कैमरे के सामने क्या हो रहा है. कैमरे तक पहुंचने तक का ही रास्ता मुझे मालूम है. मेरे जो दोस्त हैं. वो मेरे दोस्त हैं. मेरी जो दुनिया है. वो मेरी है. मेरे काम के बाहर मुझे यही दुनिया पसंद है.
अभी तय किया है क्या कि ज़्यादा फिल्में करुंगी ?
हां , मेरी कोशिश रहेगी.
दो एक्ट्रेसेज के बीच दोस्ती बहुत मुश्किल से होती हैं ,लेकिन आपकी और सारा की दोस्ती सुर्ख़ियों में रहती है ?
हम अपने आपको इतना सीरियसली नहीं लेते हैं. हम अपने काम को बहुत सीरियसली लेते हैं. हम जानते हैं कि हम एक -दूसरे से बहुत अलग हैं. मैं उसकी सफलता में खुश हूं और वो मेरी सफलता में खुश है ,वो इसलिए है क्यूंकि हम बहुत सिक्योर लोग हैं. हम एक- दूसरे का बहुत सम्मान करते हैं. मेरे लिए सारा पहले मेरी दोस्त है , एक्टर बाद में. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं उसके बारे में ये सोच पाउंगी . शायद यही वजह है कि मैं प्रतिस्पर्धा और तुलना जैसे शब्द उसके साथ जोड़ नहीं पाती हूं.
क्या आप कॉम्पिटेटिव नहीं हैं ?
हूं , मुझे बेस्ट होना है. अगर कोई बड़े बैनर, निर्देशक और बेहतरीन कहानी वाली फिल्म आती है,तो मैं ही उसका हिस्सा बनना चाहूंगी , लेकिन अगर किसी वजह से मुझे वह फिल्म नहीं मिली. मेरे बजाय अनन्य पांडे और सारा को मिली , तो भी मैं खुश होउंगी कि मेरी दोस्त को तो मिली.
आपकी छोटी बहन ख़ुशी भी फिल्मों में आ रही हैं , क्या उन्हें कोई आपने टिप्स दी थी ?
ख़ुशी मुझे टिप्स देती है. उसे टिप्स की ज़रूरत नहीं है. आपने तो टीजर में देखा है कि वो कितनी एक्सपर्ट है. ख़ुशी के पास जोया अख्तर है. जो भारत के गुणी निर्देशकों में से है. मैंने जोया के साथ घोस्ट स्टोरीज की थी. बहुत इच्छा थी कि एक फीचर फिल्म करें, लेकिन अभी तक वो हो नहीं पाया है.
क्या आप काम के लिए निर्देशकों को अप्रोच भी करती हैं ?
हां ,मुझे कुछ चाहिए तो मतलब चाहिए. कोशिश करना तो ज़रूरी होता है. हम यहां काम करने के लिए ही आए हैं. इतना कुछ तो आसानी से मिल गया ,अगर फ़ोन कॉल भी नहीं कर सकती,तो मुझे तिरुपति ही शिफ्ट होना चाहिए.
एक्टर्स की कोई विशलिस्ट है, जिनके साथ काम करना चाहती हैं ?
रणबीर , रणवीर और नवाज़ सर मेरी विशलिस्ट में हैं. ऋषि अंकल के साथ भी मैं फिल्म करना चाहती थी , लेकिन वो ख्वाइश अधूरी रह गयी.
पापा के साथ इन चार सालों में बॉन्डिंग और कितनी गाढ़ी हुई है ?
मेरे पापा अब मेरे दोस्त ज़्यादा बन गए हैं. जबसे मैं काम करने लगी हूं वह एक बेटी के साथ – साथ एक एक्टर के नज़रिये से भी मुझे देखने लगे हैं. घर पर मैं आकर उनसे डिस्कस कर सकती हूँ कि क्या हो रहा है. क्या करना चाहिए. हम किसी फिल्म को देखने के बाद क्रिएटिव प्रोफ़ेशनल्स की तरह उसपर बात करते हैं. हम एक- दूसरे का सहारा बहुत बन गए हैं. ऐसी कई चीज़ें हैं ,उनके बारे में जो मैं ही समझ पाउंगी और उनसे ज़्यादा मुझे कोई नहीं जानता है. मेरी ज़िन्दगी का सबसे अहम रिश्ता पापा के साथ है.
आपकी आनेवाली फिल्में?
बवाल और मिस्टर और मिसेज माही की शूटिंग चल रही है.