Exclusive: वेब सीरीज से ब्रेक लेकर फिल्मों पर फोकस करना है – कीर्ति कुल्हारी
अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी जल्द ही डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ह्यूमन में दिखेंगी. इस वेब सीरीज ,उससे जुड़ी तैयारियों और फ्यूचर प्रोजेक्ट्स पर कीर्ति ने बात की.
फिल्मों और वेब सीरीज के ज़रिए इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बना चुकी अभिनेत्री कीर्ति कुल्हारी जल्द ही डिज्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज ह्यूमन में दिखेंगी. इस वेब सीरीज ,उससे जुड़ी तैयारियों और फ्यूचर प्रोजेक्ट्स पर कीर्ति कुल्हारी की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
ह्यूमन की स्क्रिप्ट में आपको सबसे खास क्या लगा?
मुझे पूरी स्क्रिप्ट अपीलिंग लगी. जो मुख्य मुद्दा है. ह्यूमन ड्रग ट्रायल का. जो मेरा किरदार है.जो बाकियों का किरदार है.जिस तरह से कहानी पिरोयी गयी है. मेरे लिए यह बहुत अच्छी स्क्रिप्ट थी।जिसमें सबकुछ था.
आप इस वेब सीरीज में डॉक्टर बनी हैं किरदार के लिए क्या कुछ तैयारी करनी पड़ी?
सबसे पहले शो के राइटर्स से ह्यूमन ड्रग ट्रायल पर लंबी बातचीत हुई क्योंकि उन्होंने बहुत रिसर्च के बाद कहानी लिखी. अपने किरदार को समझने के लिए अलग अलग डॉक्टर्स से बात की. मेरी बहन और उनके पति भी डॉक्टर हैं तो उनसे काफी बातें हुईं. उनकी निजी सोच क्या है और उससे उनके प्रोफेशन पर कितना प्रभाव पड़ता है. किस तरह से अस्पताल काम करते हैं. उनका पदक्रम क्या होता है. अपने किरदार को और समझने के लिए कुछ मनोचिकित्सक से भी बातें हुईं.
आम भारतीय परिवारों में आमतौर पर हर बच्चे को इंजीनियर और डॉक्टर बनने का प्रेशर होता ही है क्या आप इस प्रेशर से गुजरी थी?
मुझसे पहले मेरी बहन डॉक्टर बन गयी थी तो ऐसा कुछ प्रेशर नहीं था और मैंने प्रेशर लिया भी नहीं. हां एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन के लिए जो परीक्षा होती है वो मैंने दी थी लेकिन बिना तैयारी की वो एग्जाम 12 वीं के बाद दे दिया था कि देखें वो परीक्षा होती कैसी है.
यह सीरीज मेडिकल फील्ड से जुड़े स्याह पक्ष को दिखाती है ,मौजूदा दौर में लोगों की भावनाएं बहुत जल्द आहत हो जा रही है।क्या लोगों की नेगेटिविटी का डर है?
हमलोगों को जागरूक करना चाहते हैं. हम एक ऐसा पहलू दिखाना चाहते हैं. जिसके बारे में हमें नहीं पता था और बहुत ज़्यादा लोगों को नहीं पता था. हम लोगों तक ये जानकारी पहुंचाना चाहते थे. दुनिया में कई ऐसी चीज़ें हैं. जिसका एक ही पहलू दिखाया जाता है. हम आपको नज़रिया दे रहे हैं. इसके साथ ही मैं ये भी कहूंगी कि ट्रेलर लॉन्च के बाद हमें एक भी नेगेटिव कमेंट्स मिली ही नहीं है. यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि हम जिस समाज में रह रहे हैं खासकर सोशल मीडिया पर जहां सबको लगता है कि वो कुछ बोल सकते हैं लेकिन किसी ने कुछ भी बोला नहीं. सीरीज के रिलीज होने के बाद क्या होगा नहीं कह सकती हूं. हम तो शो बना चुके हैं. हम तो इसको वापस नहीं ले सकते हैं. अब बाकी जो होगा देखा जाएगा. उसका उसी तरह से सामना किया जाएगा हमारा इरादा शो को बनाने नेक और ईमानदार था.
शेफाली शाह सीरीज में आपकी कोएक्टर हैं ,इतनी उम्दा अभिनेत्री जब को एक्टर हो तो क्या बेहतरीन करने का दबाव बढ़ जाता है?
मैं प्रेशर नहीं लेती हूं अगर मेरा को एक्टर बहुत उम्दा कलाकार है क्योंकि मुझे अपना काम पता है. मैं अपनी तैयारी के साथ आती हूं. आगे वाला अपनी तैयारी के साथ आता है. वैसे शेफाली जी बहुत ही अच्छी कलाकार होने के साथ साथ बहुत अच्छी इंसान भी हैं. जब ये दो क्वालिटी किसी इंसान में हो तो चीज़ें आसान हो जाती है. वे बहुत प्रोफेशनल हैं. पूरे क्राफ्ट को समझती हैं तो दूसरे को बहुत सम्मान भी देती हैं.
ओमिक्रोन की वजह से आने वाले शूटिंग प्रोजेक्ट्स कितने प्रभावित हुए हैं?
मैंने हाल ही में एक प्रोजेक्ट शुरू किया है. आपके जेहन में ये सवाल जवाब चलता रहता है कि क्या फिर से लॉक लॉकडाउन तो नहीं लग जाएगा. पूरे शेड्यूल नहीं बन पा रहे हैं कि आगे छह महीने का शेड्यूल क्या होगा. हमको टुकड़ों टुकड़ों में शूटिंग प्लान करना पड़ रहा है. एक या दो दिन का प्लान करके चल रहे हैं. पता नहीं कि अगले दिन उठेंगे तो क्या गाइडलाइन नए आ जाएंगी.
आपके नाम के साथ बाइकर गर्ल भी जुड़ गया है,आमतौर पर कहा जाता है कि लड़कियों के लिए स्कूटी होती है क्या आप इस मिथ को तोड़ना चाहती थी?
कोई मिथ नहीं तोड़ना था लेकिन हां जब आप कुछ अलग कुछ नया करते हैं तो समाज की रटी रटाई सोच टूटती ही है. मुझे लद्दाख में बाइक चलाने का बहुत मन था. अब वहां बाइक चलानी है तो बाइक अच्छे से सीखनी होगी. दीवाली के दो दिन पहले बाइक भी बुक कर ली. जो मेरे पास आ गयी है।अच्छा लग रहा है. जो भी किया. सही किया.
समाज की ऐसी सोच भी आम है कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर नहीं होती हैं?
मैं बहुत अच्छी ड्राइवर हूं. कई ऐसी लड़कियों को जानती हूं जो बहुत अच्छी ड्राइवर हैं. इस बात को कहने के साथ मैं ये भी कहूंगी कि समाज की इस सोच को मैं पूरी तरह से नकार भी नहीं सकती हूं. लड़के और लड़कियों के बीच सेंस ऑफ ड्राइविंग की बात करें तो लड़कों के मुकाबले लड़कियों में कम होती है. इसके पीछे पितृसत्तात्मक समाज भी है. बचपन से लड़कों को ड्राइविंग सीखाने औऱ सीखने पर महत्व दिया जाता है. लड़कियों को नहीं. उन्हें तो आत्मविश्वास भी नहीं दिया जाता है. कहते हैं कि लड़कियां बाइक या कार नहीं चलाती. उन्हें भी लड़कों जितना मोटिवेट किया जाए तो वो भी बहुत अच्छी ड्राइवर बन सकती हैं.
2022 में और कौन से मिथ तोड़ने की प्लानिंग है?
ऐसी कोई लिस्ट नहीं बनायी है लेकिन हां ज़िन्दगी मैं जीना सीख गयी हूं इसलिए मैं जो समाज की पुरानी सोच है उसको तोड़ती रहती हूं. मैं सवाल पूछती रहती हूं. खुद से समाज से और अपने आसपास के लोग से. परेशानियां भी आती हैं लेकिन ज़िन्दगी को अपनी शर्तों पर जीने का जो मज़ा होता है. उसके सामने ये चुनौतियां कुछ नहीं लगती है.
नए साल के लिए क्या नए अचिवमेंट तय किए हैं?
मैंने टारगेट बनाना छोड़ दिया है. ये कोरोना की देन कह सकते हैं. जो है वो आज है. उस पल में आप क्या कर रहे हैं।यही मायने रखता है. कोशिश रहेगी खुद को बेहतर इंसान बनाने की.
एक जो बदलाव खुद में नया साल में लाना चाहेंगी?
मैं थोड़ा सा घबरा जाती हूं. जब मुझे एक साथ पांच चीज़ें करनी पड़ती है तो उस पर काम करना चाहूंगी ताकि दस चीज़ें भी करने को हो तो इत्मीनान और ठहराव के साथ करूँ. इस साल मैं वेब सीरीज से थोड़ा ब्रेक लुंगी. बहुत ज़्यादा सीरीज हो गयी अभी फीचर फिल्म पर फोकस करना चाहूंगी.
पिछले कुछ साल में आपने इंडस्ट्री में अपनी एक खास पहचान बना ली हैं आप अपनी सफलता का श्रेय किस्मत को देंगी या मेहनत को?
मैं किस्मत पर बहुत यकीन करती हूं. मुझे लगता है कि मेहनत बहुत लोग करते हैं. हमारे चारों ओर ज़्यादातर लोग मेहनत ही करते हैं. मैं जितनी मेहनत आज कर रही हूं उतनी पांच साल पहले भी करती थी लेकिन तब एक दौर था और आज एक दौर है तो कुछ तो है जो चीजों को कंट्रोल करता है. मैं ज्योतिष में भी यकीन करती हूं.
ओटीटी का आप लोकप्रिय नाम बन चुकी हैं ऐसे में बॉलीवुड फीचर फिल्मों के ऑफर्स में भी बदलाव देखने को मिल रहा है?
मुझे बॉलीवुड में ज़्यादा बदलाव नहीं दिखता है. कमर्शियल फिल्मों के अभी भी वैसे ऑफर्स नहीं आ रहे हैं. जैसी उम्मीद थी.