अभिनेत्री सारा अली खान इनदिनों ओटीटी प्लेटफार्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज को तैयार फ़िल्म अतरंगी रे की रिलीज को लेकर सुर्खियों में हैं. सारा ने इस फ़िल्म की शूटिंग फ़िल्म लव आजकल 2 की रिलीज के दस दिनों बाद ही शुरू कर दी थी जब वो आलोचनाओं से जूझ रही थी. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
अतरंगी रे फ़िल्म ने आपके लिए एक एक्टर के तौर पर किन चुनौतियों से रूबरू करवाया?
सबसे पहले तो मैंने फ़िल्म की शूटिंग लव आजकल 2 की रिलीज के बाद ही शुरू की थी. जब लोग कह रहे थे कि मुझे एक्टिंग नहीं आती है . इंडस्ट्री को बक्श देना चाहिए. जिससे अतरंगी रे के सेट पर भी परेशान रहती थी तब फ़िल्म के निर्देशक आनंद सर ने समझाया कि सारा की ज़िंदगी में लव आजकल हुआ है रिंकू की ज़िंदगी में नहीं तो तुम ये दबाव नहीं ले सकती है. इस किरदार ने फ्रंटफुट पर नहीं खेला तो तुम्हारी नहीं मेरी फिल्म भी पिट जाएगी तो ये जाना कि सेट पर हर हाल में आपको किरदार में रहना होता है. दूसराआनंद जी की जो कहानियां होती है वो बहुत सुंदर होती हैं. उनके किरदारों की जो भावनाएं होती हैं वो सरल होती हैं लेकिन उस भावना को दर्शाना सरल नहीं होता है. क्योंकि उसमें बहुत लेयर्ड होते हैं. रिंकू का किरदार जितना बाहर से बिंदास और स्ट्रांग है अंदर से उसके कुछ डर भी हैं. कुछ कमजोरियां भी हैं. मैं एक बिहारी लड़कीं बनी हूं तो डायलॉग और डिक्शन पर काम करना पड़ा. आनंद सर ने पहले ही बोल दिया था कि सेट पर आओ तो इसपर पूरी तैयारी से आना. एक एक्टर के तौर पर मुझे इतना खेलने और सीखने को मिला है. आगे जाकर मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा क्योंकि अब तो मैंने खून चख लिया है. अब तो मुझे अच्छी फिल्में और सशक्त किरदार चाहिए.
यह फ़िल्म किस तरह से आपको मिली क्या रोहित शेट्टी की तरह आनंद एल राय से भी आपने सामने से काम मांगा?
नहीं,आनंद जी को मैं एक फ़िल्म की स्क्रीनिंग पर मिली थी. जहां पर उन्होंने मुझे कहा कि एक फ़िल्म की कहानी है मेरे पास. जिसमें मैं तुम्हारे सिवा किसी को नहीं देख पा रहा हूं. यह बात मेरे लिए बहुत खास थी.
इस फ़िल्म में आपके दोनों एक्टर्स धनुष और अक्षय कुमार सीनियर हैं तो क्या प्रेशर था?
हमारी इंडस्ट्री की सबसे अच्छी बात है कि जब आप सेट पर होते हैं तो आप सभी बराबर होते हैं. जो बूम दादा होते हैं मतलब जो साउंड पकड़ते हैं या लाइट मैन हम सब एक है. अगर मैं ये प्रेशर लेने लगी कि मैं हीरोइन हूं. मेरा हीरो सीनियर है तो कुछ भी अच्छा नहीं होगा. आपको समझना होगा कि हम सब बराबर हैं और हम सब निर्देशक आनंद एल राय की हाथों की कठपुतली हैं. ये आनंद सर की दुनिया है और हम उसको जी रहे हैं. इस बात को कहने के साथ मैं कहूंगी कि एक ये भी हो सकता है कि आप जो मौका मिल रहा है. उसे पूरे सम्मान के साथ एन्जॉय करो. इतने बड़े एक्टर्स का साथ मिलने पर आप हर दिन कितना कुछ सीखते हैं तो खूब सीखो. आप दबाव में आ गए तो फिर नहीं सीख पाएंगे.
इंडस्ट्री में ये बात आम है कि यहां पुरुषों का वर्चस्व है क्या आपने भी ये महसूस किया है?
मैंने कभी ये महसूस नहीं किया है शायद मैंने बहुत ही दिग्गज एक्टर के साथ काम किया है. चाहे हो रणवीर हो चाहे वरुण या फिर अक्षय और धनुष सर. इन सभी से किसी भी तरह से अपनी तुलना करने की मेरी औकात नहीं है तो मैं करती नहीं हूं तो इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है. मैंने देश के बड़े सुपरस्टार्स के साथ काम किया है. जिन्होंने बहुत प्यार और सम्मान मुझे दिया है. मेरी वैनिटी वैन बड़ी या छोटी क्यों है ये नहीं सोचती हूं. काम करती हूं और कट लेती हूं,
आपके माता पिता दोनों ही इस इंडस्ट्री हैं तो कितना आपको गाइड करते हैं?
लाइफ में बैलेंस बहुत ज़रूरी है. उतार चढ़ाव आते रहेंगे. इन कुछ सालों में मैंने बहुत ऊपर और खुद को बहुत नीचा भी महसूस किया है. एक शुक्रवार था जब केदारनाथ और सिम्बा रिलीज हुई थी तो आप सभी लोग कहने लगें कि स्टार का उदय हो गया. यह एक्टिंग में बेस्ट है. ये तो आ गयी ये तो छा गयी. लव आजकल आया और आपने कहा हटाओ इसे. इसको कुछ नहीं आता है. मेरे माता पिता ने मुझे समझाया कि हर शुक्रवार अलग होता है इसलिए मेहनत जारी रखनी होगी.
क्या अतरंगी रे से खुद को साबित करने का दबाव है?
बहुत दबाव झेल लिया है. नेपोटिज्म ,स्टार किड,रणवीर सिंह से लेकर धनुष तक काम करने को लेकर हर तरह का दबाव देख लिया. कितना और झेलूं तो कोई दबाव नहीं ले रही हूं.
फ़िल्म का शीर्षक अतरंगी है आप इस शीर्षक से कितना जुड़ाव महसूस करती हैं?
मेरे में बहुत सारी बातें अतरंगी हैं. जो मेरे मन में होता है वो मैं बोल देती हूं. तेल बालों में लगाकर एयरपोर्ट चली जाऊंगी. बिना मेकअप के इंटरव्यू आ जाऊंगी. थाइस मोटे लग रहे हैं फिर भी जिम में शॉर्ट्स पहनकर चली जाती हूं. मैं जैसी हूं वैसे हर हाल में खुद को पसंद करती हूं.
फ़िल्म में एक संवाद है कि शादी से 21 बार भाग चुकी हैं,शादी संस्था पर आप कितना यकीन करती हैं?
मुझे लगता है कि शादी और प्यार बहुत ही निजी चीज़ें होती हैं. आप सबसे पहले खुद को प्यार करें फिर आपको जो सही लगे वो करो. शादी करनी है करो. नहीं करनी मत करो.
हाल ही में आपका एक वीडियो बहुत वायरल हुआ था जिसमें आप अपने बॉडी गार्ड को चिल्ला रही थी क्योंकि वह फोटोग्राफर्स को धक्का दे रहा था?
वो मेरा बॉडीगार्ड नहीं था. उस इवेंट के लिए हायर हुआ था. उसने फ़ोटोग्राफर्स को धक्का दिया था, जो मुझे बहुत बुरा लगा था. वो भी अपना काम करते हैं. जैसा कि हम करते हैं. फोटोग्राफरर्स हैं तो हम हैं. हमारा काम एक दूसरे से चलता है.
आपकी और जाह्नवी कपूर की बढ़ती दोस्ती कइयों को हैरत में डालती हैं आमतौर पर अभिनेत्रियों की कैट फाइट की बात ही सामने आती है?
मैं राधिका मदान के साथ भी ट्रिप पर जाती हूं. मैं अनन्या से भी मिलती रहती हूं. हालिया अवार्ड्स शो में हमदोनो सबकुछ भूल कर सिर्फ बात ही कर रहे थे. अगर आपको अपनी मेहनत पर भरोसा और खुद पर विश्वास है तो आप किसी से भी दोस्ती कर सकते हैं. हम सभी एक्ट्रेसेज के अपने अलग दोस्त हैं. हम एक दूसरे के बेस्ट फ्रेंड्स नहीं हैं. इस बात को कहने के साथ कहूंगी कि हम सभी युवा अभिनेत्रियां है. जो बहुत महत्वकांक्षी हैं. दो साल से एक्शन शब्द नहीं सुना है. जो मलाल,परेशानी हमें महसूस होती है वो कोई भी नहीं समझ सकता है. अभी तो आए हैं और हमारा वक़्त ऐसे चला जा रहा है. हम सभी को पता है कि लीडिंग लेडी और समय का बहुत अहम रोल होता है. ये हम तीन ही समझ सकते हैं इसलिए दोस्ती स्वाभाविक है.
एक्टिंग के प्रोसेस की सबसे अच्छी बात आपको क्या लगती है?
मैं इस बात का जवाब एक निजी बात के साथ देना चाहूंगी. 2020 मेरे लिए बहुत मुश्किल साल था. बहुत सारी चीज़ें मेरे साथ हुईं, जो अच्छी नहीं थी. मेरी मां मुझे ये बात हमेशा कहती थी कि उन्हें जब काम की सबसे सख्त जरूरत थी तो उनके लिए उनका काम था. मुझे लगता था कि क्या बोल रही हैं. मैं उस वक़्त इस बात को समझी नहीं थी लेकिन 2020 में इस बात को समझने लगी. जब मुझे मोटिवेशन की ज़रूरत थी तो आनंद जी अतरंगी रे फ़िल्म का शेड्यूल लेकर आ गए. एकमात्र चीज़ 2020 में जो अच्छी हुई थी. लॉक डाउन के पहले लव आजकल रिलीज हुई थी. सबको पता है कि क्या हुआ. मेरा काम को लोगों ने पसंद नहीं किया. मैं हमेशा से इस बात को लेकर बहुत क्लियर हूं कि मैं काम दर्शकों और मीडिया के लिए करती हूं. उन दोनो को फ़िल्म और मेरा काम पसंद नहीं आया. उस वक़्त दो ही चीज़ें हो सकती हैं कि आप अपने कमरे में आइसक्रीम खाकर रोते रहें या काम करो और आनंद जी की वजह से मुझे काम करने का मौका मिला. जिसके लिए मैं हमेशा उनकी आभारी रहूंगी. साल 2020 के पहले एक्टिंग की सबसे खास बात मैं कहती कि एक्टिंग के माध्यम से आप अलग अलग किरदार निभा सकते हो. ऐसे अनुभवों को महसूस कर सकते हो. आप बिहारी भी बन सकते हो और पंजाबी भी लेकिन साल 2020 के बाद समझा कि एक्शन और कट के बीच में जो ज़िन्दगी आप जीते हो. उसपर निजी जिंदगी हावी नहीं होनी चाहिए. सारा ने फ्लॉप फ़िल्म दी थी अतरंगी रे के मेरे किरदार रिंकू ने नहीं तो मुझे उसी तरह से जीना था. उसकी बेफिक्री से किरदार को जीना था.
खुद को जब असफल महसूस करते हो तो किस तरह से मोटिवेट करती हैं?
मैं भ्रम में नहीं रहती हूं. कोई भी परेशानी हो उसका मैं सामने से सामना करती हूं. सब ठीक है ये नहीं कहती हूं बल्कि जमकर रोती हूं. हंसती हुई ज़्यादा सबको दिखती हूं. मैं हंसना पसंद भी करती हूं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मुझे चीजों से फर्क नहीं पड़ता है.