Exclusive: कैश को कैश कराने डाकघर पहुंचा विद्युत विभाग, आरटीआई को लेकर अलीगढ़ में आया अनोखा मामला

Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ जिले में आरटीआई को लेकर अनोखा मामला सामने आया है. यहां विद्युत विभाग कैश को कैश कराने के लिए डाकघर पहुंच गया. पढ़ें, ये पूरी रिपोर्ट...

By Prabhat Khabar News Desk | October 11, 2021 9:39 PM
  • कैश को कैश कराने डाकघर पहुंचा विद्युत विभाग

  • आरटीआई को लेकर अलीगढ़ में आया एक अनोखा मामला

  • जन सूचना अधिकार का उड़ाया जा रहा माखौल

Aligarh News: अगर कोई 10 रुपये का नोट लेकर डाकघर में पहुंचता है और उसके बदले 10 रुपये का भुगतान करने को कहता है, तो बड़ा अटपटा सा महसूस होगा. यह तो वही बात हुई कि कैश को कैश करना. ऐसा ही एक मामला अलीगढ़ में सामने आया है. एक अधिकारी ने अपने अधीनस्थ को ऐसा ही अटपटा आदेश दिया है.

यह है मामला

अलीगढ़ की तहसील अतरौली के एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने रामघाट रोड स्थित दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड अलीगढ़ के मुख्य अभियंता वितरण से जन सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत एक सूचना के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें उन्होंने 10 रुपये का नोट साथ में अटैच कर सूचना देने की शुल्क के रूप में प्रस्तुत किया.

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मुख्य अभियंता वितरण ने इसको अपने अधीनस्थ अधीक्षण अभियंता एवं जन सूचना अधिकारी विद्युत वितरण खंड प्रथम अलीगढ़ को यह कहकर स्थांतरित कर दी कि जन सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के धारा 6(3) के अंतर्गत मांगी गई सूचना की विषय वस्तु आप के कार्यालय के क्षेत्राधिकार में पड़ती है. वहां से आवश्यक कार्यवाही हेतु व सूचनार्थ इसकी दो प्रतिलिपि एक तो सूचना कर्ता को भेजी गई और दूसरी अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड द्वितीय अलीगढ़ को यह निर्देश देते हुए भेजी गई कि सूचना मांगने के प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न 10 रुपये के नोट को डाकघर ले जा करके उसको कैश कराएं और धन संबंधित विभाग में जमा करके उसकी रसीद प्रस्तुत करें.

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अधिशासी अभियंता विद्युत नगरीय वितरण खंड द्वितीय अलीगढ़ को अधिकृत किया जाता है कि रुपये 10 के नोट संख्या 93 एन 766395 को डाकघर से भुगतान प्राप्त करके विभागीय खाते में जमा करा कर रसीद इस कार्यालय को शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. प्रतिलिपि में नंबर एक पर यह अनोखा निर्देश लिखा है.

कब होता है ऐसा

आरटीआई एक्टिविस्ट और स्वराज समिति अतरौली के सचिव सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सूचना प्राप्ति के लिए नगद 10 रुपये का नोट या आईपीओ यानी पोस्टल आर्डर या चालान के द्वारा शुल्क अदा किया जा सकता है. जब प्रार्थना पत्र के साथ पोस्टल आर्डर लगा हो, तब उसको भुनाने के लिए इस तरीके की भाषा लिखी जाती है कि इस संख्या का पोस्टल आर्डर डाकघर में जाकर के भुगतान करा कर उसकी रसीद संबंधित विभाग में प्रेषित करें. कभी यह नहीं देखा गया कि कैश को कैश कराने के लिए डाकघर भेजने का निर्देश दिया गया हो. यह तो जन सूचना अधिकार का माखौल बनाना है.

मामले पर अधिकारी ने दी यह सफाई

कैश को कैश कराने के इस मामले पर जब प्रभात खबर ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता वितरण मुकुल सिंघल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह मानवीय भूल हो सकती है. इस मामले की जांच कराएंगे. गलती को सुधारा जाएगा.

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जन सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत अगर कोई सूचना मांगी जाती है तो उसके लिए या तो नगद यानी इसी तरीके से 10 रुपये का नोट या आईपीओ यानी इंडियन पोस्टल आर्डर या चालान फॉर्म के माध्यम से सूचना प्राप्ति की शुल्क अदा करने का प्रावधान है.

रिपोर्ट- चमन शर्मा

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