urvashi rautela on virgin bhanupriya, sushant singh rajput : अभिनेत्री उर्वशी रौतेला की फ़िल्म ‘वर्जिन भानुप्रिया’ 16 जुलाई को ज़ी 5 के डिजिटल प्लेटफार्म पर रिलीज होने वाली है. उनकी इस फ़िल्म, उससे जुड़े विवादों और कई अन्य मुद्दों पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत…
‘वर्जिन भानुप्रिया’ की डिजिटल रिलीज से आप कितनी खुश हैं ?
जब मुझे ये फ़िल्म आफर हुई थी और फ़िल्म की शूटिंग हो रही थी तो ऐसा नहीं सोचा था कि ये थिएटर में रिलीज नहीं होगी. कोरोना वायरस ने थिएटर को पूरी तरह से बंद कर दिया है तो डिजिटल रिलीज की ओर हमें जाना ही पड़ा. यह फ़िल्म 16 जुलाई को रिलीज हो रही है. मैं डिजिटल रिलीज से खुश हूं क्योंकि यह फ़िल्म 200 से ज़्यादा देशों में एक साथ देखी जाएगी. जी ओरिजिनल की यह फ़िल्म हो गयी है.जी 5 पर रिलीज हो रही है तो बहुत ज़्यादा इसे दर्शक मिलने वाले हैं.
‘वर्जिन भानुप्रिया’ में आपको क्या अपील कर गया ?
हेट स्टोरी फ़ॉर के बाद ये मेरी दूसरी फीमेल सेंट्रिक फ़िल्म है.हर एक्ट्रेस चाहती है कि फ़िल्म की धुरी वह हो.बहुत स्ट्रांग किरदार उसे मिले. वर्जिन भानुप्रिया की पूरी जिम्मेदारी मेरे ऊपर है. यह फ़िल्म फॅमिली ऑडियंस के लिए है. बहुत मजेदार कहानी है। हमारे समाज में वर्जिनिटी पर बात करना एक कलंक की तरह माना जाता है.इस फ़िल्म में उसपर भी बात होगी. आजकल के जो वर्जिन होते हैं उनके लिए यह सोशल ब्लेसिंग कम सोशल कर्स ज़्यादा होता है.
वर्जिनिटी को आप सोशल कर्स क्यों कह रही है ?
मैं ये नहीं बोल रही कि वर्जिन होना गलत है लेकिन वर्जिन बने रहने का प्रेशर नहीं होना चाहिए. सर पर बोझ ना हो वर्जिन बने रहना.बॉडी हमारी है तो मर्जी भी हमारी होनी चाहिए. दूसरे की राय क्या होगी उसके बाद हम तय करें कि हम क्या चाहते हैं.इस विषय को संकीर्ण सोच से बाहर लाने की भी ज़रूरत है.प्यार करना है.प्यार के मायने क्या हो।यह सब हमारी निजी राय होनी चाहिए.
हमारे समाज में अभी भी महिलाएं अगर वर्जिनिटी पर बात करें तो बहस शुरू हो जाती है,ऐसे में क्या आपकी फ़िल्म परिवार के लिए है ?
इसके लिए मैं अपनी फिल्म के निर्देशक की शुक्रगुज़ार हूं.हमने जो चीज़ें भी फ़िल्म में बोली हैं.वो ओपनली नहीं बोली हैं.पावर ऑफ सिनेमा क्या होता है.वो आपको इस फ़िल्म में देखने को मिलेगा. जो भी फ़िल्म में दिखेगा.वो काफी सॉफिस्टिकेटेड ढंग से शूट हुआ है.जिस वजह से आप पूरी फिल्म परिवार के साथ देख सकते हैं.
सोशल मीडिया पर फ़िल्म को लेकर काफी कुछ नेगेटिव भी कहा जा रहा है ?
मैं बहुत ज़्यादा पॉजिटिव हूं.मुझे पता है कि जिस दिन फ़िल्म रिलीज हो जाएगी.उन्हें पता चल जाएगा कि आखिरकार ये फ़िल्म किस चीज़ के बारे में है.अभी ट्रेलर आया है.कई लोग समझ पाए हैं.कई लोग नहीं समझ पाए हैं.सोशल मीडिया पर सिर्फ लोग आलोचना ही कर रहे हैं.ऐसा नहीं है.लोगों का प्यार भी बहुत मिल रहा है. मैं हमेशा पॉजिटिव साइड ही देखती हूं.
आप उत्तराखंड से हैं, इंडस्ट्री में इनदिनों आउटसाइडर्स को लेकर एक बहस छिड़ गयी है आपका क्या कहना है ?
मैं हमेशा ग्रेटफुल रहूंगी मुझे जो भी मौके मिले हैं. मैंने सुपरस्टार सनी देओल के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की लेकिन एक हकीकत ये भी है कि मैंने इंटरनेशनल जो टाइटल्स जीते थे. उसके वजह से मिले थे. हमारी फील्ड बहुत डिमांडिंग है. हमेशा कुछ ना कुछ चलता रहता है. इसमें आपको दोस्त और परिवार का सपोर्ट चाहिए वरना आप टूट सकते हैं. आउटसाइडर्स होने के नाते सुशांत सिंह राजपूत की परेशानी और दर्द को मैं समझ सकती हूं कि हमें हर कदम पर खुद को लगातार साबित करते रहना होता है. मैं बस इंडस्ट्री से यही गुज़ारिश करूंगी कि आउटसाइडर्स को बराबरी का मौका मिले. उन्हें भी अच्छे रोल,अच्छी स्क्रिप्ट मिले.
सुशांत से निजी तौर आप कैसे याद करती हैं ?
सुशांत अच्छे दोस्तों में से रहे हैं.हम कई बार मिले है.कई पल बहुत यादगार रहे हैं. एक बार हम एक फाइव स्टार होटल के लांच में साथ गए थे. मुझे याद है शाम को पार्टी थी. उसमें सुशांत ने अपना फेवरेट गाना कोका कोला तू मुझे पांच से छह बार बजाने को कहा था. मेरे साथ उनकी जो भी मेमोरी रही है.वो सुशांत को एक मस्तमौला और खुशमिज़ाज़ इंसान वाली रही है. उनका जाना इंडस्ट्री की बहुत बड़ी क्षति तो है ही लेकिन सबसे ज़्यादा उनके परिवार का लॉस है.
Posted By : Budhmani Minj