कोलकाता : बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लगातार बढ़ते वोट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ब्रेक लगा दिया है. उसे करीब 3 फीसदी वोट का नुकसान होता दिख रहा है. लेकिन, ममता बनर्जी की पार्टी फिर से सत्ता में आती दिख रही है. उसे बहुमत के लिए जरूरी 148 सीट से अधिक 152 से 164 सीटें मिलती दिख रही है. उसे 42 फीसदी वोट मिल रहे हैं. भाजपा के वोट और सीट दोनों में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. भाजपा को 109 से 121 के बीच सीटें मिलने का अनुमान सी-वोटर सर्वे ने जताया है. वहीं, सीएनएक्स के सर्वे में भाजपा बहुमत के करीब दिख रही है. उसे 138 से 148 सीटें मिलती दिखायी गयी है.
तृणमूल कांग्रेस के गठन और उसके वाम मोर्चा के खिलाफ उदय पर नजर डालेंगे, तो पायेंगे कि उसके वोट प्रतिशत में लगातार इजाफा होता गया. विधानसभा चुनावों में उसकी सीटें भी लगातार बढ़ती गयीं. लेफ्ट फ्रंट सरकार को उखाड़ फेंकने वाली ममता बनर्जी की पार्टी मात्र 10 साल में 30 सीट से 203 सीट तक पहुंच गयी.
वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 26.64 फीसदी वोट मिले थे. वर्ष 2011 में जब विधानसभा के चुनाव हुए, तो पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़कर 38.93 फीसदी हो गया. इसी साल ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाली वाम मोर्चा सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया.
इसके बाद जब वर्ष 2016 में बंगाल विधानसभा के चुनाव कराये गये, तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़कर 44.91 फीसदी हो गया. इस चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी ने वर्ष 2011 के चुनाव से भी बड़ी जीत हासिल की. इस बार उसे 203 सीटें मिलीं. वर्ष 2011 के चुनाव में तृणमूल को 184 सीटें मिलीं थीं.
इससे पहले वर्ष 2006 के चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी को वोट तो 26.64 फीसदी मिले, लेकिन उसकी सीटें मात्र 30 थीं. जैसे ही वर्ष 2011 में मतदान बढ़ा, ममता की पार्टी के वोट बैंक में 12.29 फीसदी का जबर्दस्त उछाल आया. इसके बाद 2016 में वर्ष 2011 की तुलना में 5.98 फीसदी ज्यादा वोट टीएमसी को मिले.
कुल मिलाकर 10 साल में ममता की पार्टी के वोट प्रतिशत में 18.27 फीसदी का इजाफा हुआ. और उसकी सीटें 30 से 203 हो गयी. यानी विधानसभा में पार्टी के संख्या बल में 173 की वृद्धि हो गयी.
Posted By : Mithilesh Jha