कोडरमा : झारखंड के जलाशयों में पहली बार ग्रेटर फ्लेमिंगो पक्षी देखने को मिला है. इनकी संख्या छह है. इनके चिल्का लेक से यहां पहुंचने का अंदाज लगाया जा रहा है. यह पक्षी आम तौर पर आसपास के डैम या लेक में नहीं पाये जाते हैं. इसके साथ ही विदेशी मेहमानों की सूची में नया नाम जुड़ गया है. रविवार को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, वन विभाग व एशियन वाटर बर्ड कंजर्वेशन (एडब्ल्यूसी) की टीम ने डैम के आसपास विदेशी मेहमानों की गणना की. इसी दौरान उनको डैम में ग्रेटर फलेमिंगो दिखा. यह पक्षी वैसे तो यूरेशिया का है, पर उड़ीसा के चिल्का झील व पश्चिमी राज्यों में पाया जाता है.
गणना में यह बात भी सामने आयी है कि तिलैया डैम के आसपास विदेशी पक्षियों की अच्छी खासी संख्या है. इससे पहले 21 जनवरी 2018 को टीम ने जब गणना की थी, तो उस समय 3131 विदेशी पक्षियों के यहां होने की बात सामने आयी थी. इस बार यहां करीब छह हजार विदेशी मेहमान दिखे हैं. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के शिवाशिष साहू, एलेक्स जैकेब, अविन एन, गितिमा दास, रौशमी ब्रोगोहेन, मानिकनंदन पी, बर्ड वाचर सत्यप्रकाश व इनके साथ मुरारी सिंह, अमित जैन, अधिराज सिंह भी गणना करने वाली टीम में थे.
गणना में रेड क्रेस्टेड पोचार्ड-800, कॉमन कूट-1500, बार हेडेड गुज-2000, रड्डी शेल्डुयक-80, नार्दर्न सोवलर-80, फ्लेमिंगो-छह, एशियन वूली नेकेड स्ट्रॉक-छह, गैडवॉल-60, ऑपन बिल स्ट्रॉक-300, व्हाइट नैपड आईबीज-100 और नार्दर्न पिनटेल 80 की संख्या में दिखे हैं. ब्लैक आइबीज भी देखे गये हैं.
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तिलैया डैम के आसपास विदेशी पक्षियों की हुई गणना
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2018 में 3131 विदेशी पक्षी मिले थे, इस बार 6000 मिले
विभाग ने हाल के वर्षों में विदेशी पक्षियों के शिकार को रोकने के कई प्रयास किये हैं. आसपास का माहौल विदेशी पक्षियों के लिए अनुकूल रहे, इसे लेकर तमाम प्रयास किये जा रहे हैं. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
सूरज कुमार सिंह,
वन प्रमंडल पदाधिकारी कोडरमा
तिलैया डैम में विदेशी पक्षियों की गणना के दौरान ग्रेटर फ्लेमिंगो को देखा गया है. साथ ही टैग किये गये बार हेडेड गुज भी दिखे हैं. डैम के आसपास पक्षियों की इतनी संख्या इस बार ज्यादा दिनों तक ठंड होने की वजह से भी हो सकती है.
सत्य प्रकाश, झारखंड समन्वयक, एडबल्यूसी
तिलैया डैम में विदेशी पक्षियों की गणना के दौरान ग्रेटर फ्लेमिंगो को देखा गया है. साथ ही टैग किये गये बार हेडेड गुज भी दिखे हैं. डैम के आसपास पक्षियों की इतनी संख्या इस बार ज्यादा दिनों तक ठंड होने की वजह से भी हो सकती है.
सत्य प्रकाश, झारखंड समन्वयक, एडबल्यूसी
Posted By : Sameer Oraon