-डॉ केसी रवि-
केंद्रीय बजट 2023 में किये गये प्रावधान भारतीय कृषि जगत को भविष्य के लिए तैयार करेंगे. बजट में घोषित उपायों में एक ओर ग्रामीण युवाओं और ग्रामीण कृषि श्रमिकों को प्रोत्साहित करना शामिल है, वहीं दूसरी ओर इसमें डिजिटलीकरण और भंडारण जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया है, जो खेती को और अधिक उत्पादक एवं लाभदायक बनाने के लिए जरूरी है. बजट में किसानों को अधिक ऋण सहायता देने और संपूर्ण ग्रामीण इको-सिस्टम को मजबूत करने से संबंधित घोषणाओं से कृषि क्षेत्र के विकास को नई ऊर्जा मिलेगी.
ग्रामीण इको-सिस्टम को मजबूती
ग्रामीण इको-सिस्टम को मजबूत करने की कड़ी में, मुझे विशेष रूप से खुशी है कि माननीया वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की सरकार की योजना की घोषणा की है. यह एक ओपन-सोर्स डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में काम करेगा, जो एग्रीटेक उद्योग और स्टार्टअप्स के विकास में सहायक सिद्ध होगा. यह कदम निश्चित रूप से फसल प्रबंधन से संबंधित सूचना सेवाओं के साथ-साथ एक समावेशी किसान-केंद्रित ईको-सिस्टम को मजबूत करेगा और कृषि इनपुट, क्रेडिट और बीमा तक पहुंच में सुधार करने में मदद करेगा. फसल अनुमान के साथ-साथ बाजार की जानकारी और एग्रीटेक उद्योग तथा स्टार्टअप के विकास में सहायता करेगा. इन क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए अपार अवसर हैं, क्योंकि निजी क्षेत्र भी डिजिटलीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैश अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग की दिशा में काम कर रहा है.
‘एग्रीकल्चर एक्सिलेटर फंड’ दूरगामी कदम
ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा कृषि स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रस्तावित ‘एग्रीकल्चर एक्सिलेटर फंड’ (कृषि विकासवर्धक कोष) एक दूरगामी कदम है. कृषि और कृषि उद्यमियों के प्रशिक्षण के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग करने वाली पहली कंपनी होने के नाते, यह कदम से हमें बहुत उम्मीद है और हमें विश्वास है कि यह भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास को गति देगा. इस फंड का उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नवीन और किफायती समाधान पेश कनरा है. यह कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता और लाभप्रदता को स्थायी रूप से बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ाएगा. इसलिए यह कदम बहुत ही सामयिक है, और सबसे स्वागत योग्य है.
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पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का फैसला
माननीय वित्त मंत्री ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 20 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की है. पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की समृद्धि पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.