Explainer: क्या होती है ‘पगली घंटी’ ? इसके बजते ही क्यों सकते में आ जाते हैं जेल के कैदी और अधिकारी

जेल में अगर लगातार घंटी की आवाज बजने से ना केवल कैदी बल्कि, जेल अधिकारी पर चौकन्ने हो जाते है. जी हां, आखिर ऐसा क्यों? धनबाद जेल में पगली घंटी बजते ही भारी संख्या में पुलिस बल को जेल में भेजा गया है. बताया जा रहा है कि कम से कम 100 जवान स्थिति से निबटने के लिए जेल के अंदर दाखिल हो गये हैं.

By Aditya kumar | April 2, 2023 7:11 PM

‘पगली घंटी’ : जेल में अगर लगातार घंटी की आवाज बजने से ना केवल कैदी बल्कि, जेल अधिकारी पर चौकन्ने हो जाते है. जी हां, आखिर ऐसा क्यों? धनबाद जेल में पगली घंटी बजते ही भारी संख्या में पुलिस बल को जेल में भेजा गया. बताया जा रहा है कि कम से कम 100 जवान स्थिति से निबटने के लिए जेल के अंदर दाखिल हो गये. यह भी बताया जा रहा है कि दर्जनों थाना की पुलिस को वहां भेजा गया. आखिर पगली घंटी क्या होता है जिसके बजते ही पुलिस की इतनी भारी संख्या बल वहां पहुंच गयी. आइए जानते हैं विस्तार से,

क्या होती है पगली घंटी ?

बता दें कि अगर जेल में किसी तरह की अनहोनी होती है या मारपीट की घटना घटती है तो जेल में अलर्ट के तौर पर लगातार घंटी बजाई जाती है. जेल मैनुअल के अनुसार, ऐसी स्थिति में करीब पचास बार जेल की घंटी बजाई जाती है और कैदियों और जेल अधिकारियों को सचेत किया जाता है. जेल के भीतर जब भी किसी तरह की लड़ाई होती है या कैदियों के द्वारा जेल के अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की जाती है तब यह घंटी बजती है.

पगली घंटी बजे तो क्या करना है ?

अब, बता दें कि आखिरकार जब पगली घंटी बजे तो क्या करना होता है. जेल मैनुअल की मानें तो पगली घंटी बजने का मतलब है कि बैरेक खुल गया है और सभी कैदियों को अब जेल के अपने-अपने सेल में चले जाना है. अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो स्थिति को कंट्रोल करने के लिए जेल प्रबंधन की ओर से बल प्रयोग किया जाता है. मैनुअल के अनुसार, पचासा सुबह और शाम दो बार बजाया जाता है, शाम के पचासा का मतलब होता है कि जेल की बैरक बंद हो चुकी हैं.

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समय का आकलन इसी घंटी के सहारे

बता दें कि जेल के अंदर घड़ी नहीं होती है. जी हां, जेल के कैदी समय का आकलन करने के लिए इसी घंटी के सहारे रहते है. मुख्य द्वार पर लगे घंटे की आवाज से ही उन्हें समय जानना होता है. इससे फायदा वैसे अनपढ़ कैदियों को होता है जिन्हें समय का आकलन करना नहीं आता है, वो भी यह सीख जाते है. जितनी बार घंटा बजता है उसी हिसाब से समय का अंदाजा लगा लिया जाता है. ठीक इसी तरह जब घंटी पचास बार बजती है मतलब यह सभी को सतर्क कर रही होती है.

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