अकेलापन दूर करने के लिए फेसबुक पर बनाया फ्रेंड, चुकाने पड़े 5 लाख रुपये, जानें पूरा मामला
फेसबुक में उसे एक पेज दिखा, जिसमें अकेलेपन के शिकार लोगों के लिए दोस्त बनने का प्रस्ताव था.
कोलकाता : फेसबुक के जरिये अकेले रहने वाले युवाओं व वरिष्ठ नागरिकों को दोस्त बना कर उनका दर्द बांटने के लिए बनाये गये पेज के झांसे में फंसकर एक युवक ने पांच लाख रुपये गंवा दिये. ठगी का शिकार होने का आभास होने के बाद उन्होंने इसकी शिकायत पाटुली थाने में दर्ज करायी. मामले की गंभीरता को देखते हुए लालबाजार के साइबर थाना की पुलिस ने गिरोह के सदस्यों को पकड़ने की कोशिश शुरू कर दी है.
कैसे गिरोह के झांसे में फंसा युवक
पीड़ित ने पुलिस को बताया कि फेसबुक में उसे अचानक एक ऐसा पेज दिखा, जिसमें अकेलेपन के शिकार लोगों के लिए दोस्त बनने का प्रस्ताव दिया गया था. उसने इस पेज को लाइक कर दोस्ती करने का प्रस्ताव भेजा. पीड़ित का आरोप है कि इसके बाद उससे मोबाइल नंबर लेने के बाद एक युवती ने उसे फोन पर संपर्क किया.
युवती ने कहा कि अगर कम उम्र की युवतियों से दोस्ती करनी है, तो दो हजार रुपये देकर एक एप मोबाइल में लोड करना होगा. युवक ने युवती के प्रस्ताव को मान लिया और दो हजार रुपये बताये गये बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये. दो हजार रुपये देने के बाद उसके मोबाइल में एप लोड करने के लिए लिंक भेजा गया. उस एप को लोड करने के बाद कुछ युवतियों से उसकी बातचीत शुरू हो गयी.
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पीड़ित का आरोप है कि कुछ ही मिनटों में युवतियां उसके साथ वीडियो कॉल में अश्लील बातें करने लगीं. इसके बाद उसके पास एक युवक का फोन आया. उस युवक ने कहा कि उसका अश्लील वीडियो उसके पास है. अगर दिये गये बैंक अकाउंट में रुपये नहीं भेजे गये, तो वह सोशल साइटों पर उसके वीडियो और तस्वीरों को वायरल कर देगा.
15 दिनों में देने पड़े पांच लाख रुपये
पीड़ित का आरोप है कि आरोपियों ने उसे ब्लैकमेल कर 15 दिनों के अंदर पांच लाख रुपये वसूल लिये. घर की जमा पूंजी उसे दे देने के बावजूद वे पांच लाख रुपये और मांग रहे थे. इसके बाद उनकी हरकतों से परेशान होकर उसने थाने में शिकायत दर्ज कराने का मन बनाया. इसके बाद नजदीकी थाने में जाकर पूरी घटना बयां की. जिस अकाउंट में रुपये भेजे गये हैं, उसे सुराग बनाकर पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
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क्या कहती है पुलिस
इस मामले में कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा का कहना है कि प्राथमिक जांच में राजस्थान के भरतपुर में सक्रिय गिरोह का इसमें हाथ होने का पता चला है. आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है, जिससे यह गिरोह अन्य लोगों को शिकार न बना सके.
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किसी अनजान व्यक्ति द्वारा मोबाइल या ईमेल पर भेजे गये किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.
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कोई अनजान व्यक्ति अगर मोबाइल पर कुछ लोड करने को कह रहा है, तो उसके झांसे में न आये.
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सोशल साइटों पर दिये गये किसी भी प्रलोभन भरे लिंक पर क्लिक न करें.
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कोई अगर आपको ब्लैकमेल कर रहा है तो तुरंत नजदीकी थाने की पुलिस को सूचित करें.
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कोई आपको ब्लैकमेल कर रुपये मांग रहा है तो उसके दबाव में न आयें.
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100 नंबर पर फोन कर अपनी समस्या बता कर पुलिस की मदद लें.
Posted By: Mithilesh Jha