UP News : भारतीय सेना में ड्राइवर के पद से रिटायर सत्यपाल कर्नल बनकर करने लगा ठगी, यूपी एसटीएफ ने दबोचा
उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक फर्जी कर्नल को गिरफ्तार किया है, जिसने सेना में भर्ती होने के नाम पर युवाओं को ठगा था .
लखनऊ: आर्मी (Army) का कर्नल बनकर ठगी करने वाले सत्यपाल सिंह को यूपी STF ने मेरठ से गिरफ्तार किया है. यूपी एसटीएफ ने जब उसे गिरफ्तार किया तब वह आर्मी की मेडिकल कोर में कर्नल रैंक के अफसर की वर्दी पहने हुआ था. सत्यपाल सिंह ने भारतीय सेना में भर्ती कराने के नाम पर भाई- बहन से 16 लाख रुपए ठग लिए थे. उसने फर्जी जॉइनिंग लेटर भी थमा दिया था. सत्यपाल सिंह 2003 में भारतीय सेना में ड्राइवर के पद से रिटायर हुआ था.इसके बाद ठगी करने लगा था.
उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक फर्जी कर्नल को गिरफ्तार किया है, जिसने सेना में भर्ती होने के नाम पर युवाओं को ठगा था . उसे एसटीएफ मेरठ फील्ड यूनिट ने मिलिट्री इंटेलिजेंस के इनपुट पर गिरफ्तार किया था. आरोपी सत्यपाल सिंह यादव सेना में ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हैं . वह कर्नल डीएस चौहान के नाम की प्लेट लगाकर युवाओं को जाल में फंसाता था.
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पांच ज्वाइनिंग लैटर, स्टाम्प, प्रिंटर, कर्नल की वर्दी बरामद
आरोपी सत्यपाल सिंह यादव से पांच ज्वाइनिंग लैटर, पांच स्टाम्प, एक प्रिंटर, एक कर्नल की वर्दी और एक फर्जी पहचान पत्र बरामद किया गया है . उसने कई राज्यों के युवाओं को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. आरोपी के खिलाफ मेरठ के गंगानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. एसटीएफ एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि गंगानगर के कसेरुबुक्सर निवासी करण सिंह का पुत्र सत्यपाल सिंह यादव पुणे में तैनात कर्नल डीएस चौहान की कार चलाता था. रिटायरमेंट के बाद सत्यपाल सिंह को कर्नल डीएस चौहान के नाम पर एक प्लेट मिली. कर्नल की वर्दी पहने और एक फर्जी फोटो आईडी भी तैयार की.
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बेटा से तैयार कराता था फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
आरोपी सत्यपाल सिंह यादव ने सेना में शामिल होने के इच्छुक युवाओं को धोखा देना शुरू कर दिया. वह अपना नाम कर्नल डीएस चौहान बताता और पुणे में अपनी पोस्टिंग होने की बात कहता. इतना ही नहीं, आरोपी ने कई युवाओं से बड़ी रकम ली और उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए. पिछले सात वर्षों में, उन्होंने कई युवाओं को धोखा दिया और करोड़ों रुपये का गबन किया.आरोपी ने बताया कि इन वर्षों के दौरान उसने यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब आदि के सैकड़ों युवाओं को धोखा दिया. पुलिस पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि सत्यपाल का बेटा रजत उर्फ देवेंद्र अपने लैपटॉप पर टाइप करके फर्जी ज्वाइनिंग लेटर प्रिंट करता था और फिर उन पत्रों को अलग-अलग जगहों से स्पीड-पोस्ट करता था.