15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कुष्ठ रोग की वजह से परिवार ने बुजुर्गों को अकेला छोड़ा, 63 साल के दासा मरांडी ने पद्मावती को बना लिया जीवनसाथी

कुष्ठ रोग उपचार केंद्र में चार वर्ष तक इलाज कराने वाले दासा मरांडी (63) पुरुष वार्ड में भर्ती रहे, क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों ने चर्म रोग होने पर उन्हें त्याग दिया था. कुछ ऐसी ही स्थिति पद्मावती (65) की थी. उसे 10 वर्ष तक उपचार के दौरान अस्पताल में अकेले छोड़ दिया गया.

कुष्ठ रोग होने पर अपने-अपने परिवारों द्वारा तिरस्कृत एक पुरुष और महिला ने इस बीमारी से मुक्त होने के बाद 60 वर्ष से अधिक की उम्र में एक-दूसरे के साथ जिंदगी गुजारने का फैसला किया और शादी कर ली. ओडिशा के बालेश्वर के सदर ब्लॉक के तहत आने वाले सार्था गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि जिले के रेमुना ब्लॉक में बामपाड़ा के सरकार द्वारा प्रायोजित कुष्ठ रोग उपचार केंद्र में चार वर्ष तक इलाज कराने वाले दासा मरांडी (63) पुरुष वार्ड में भर्ती रहे, क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों ने चर्म रोग होने पर उन्हें त्याग दिया था. कुछ ऐसी ही स्थिति पद्मावती (65) की थी. उसे 10 वर्ष तक उपचार के दौरान अस्पताल में अकेले छोड़ दिया गया. उसके पति की मौत हो गयी थी और परिवार के अन्य सदस्यों ने उसे अपने हाल पर छोड़ दिया. दोनों अब बीमारी से उबर चुके हैं लेकिन चिकित्सकों द्वारा पूरी तरह स्वस्थ घोषित किये जाने के बावजूद उनके परिवारों ने उन्हें अपनाया नहीं. अब दासा मरांडी और पद्मावती ने बाकी की जिंदगी एक साथ गुजारने का फैसला किया है.

मैंने शादी का प्रस्ताव दिया और वह मान गयीं : दासा मरांडी

दासा मरांडी ने बताया कि उनकी इच्छा के अनुसार कुष्ठ रोगी उपचार केंद्र के अन्य रोगियों और कर्मियों ने हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार उनकी शादी करायी. उन्होंने कहा कि हम कई वर्षों से करीब थे. पहले मैंने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया और वह मान गयीं. वे उपचार केंद्र के नजदीक बने एक पुनर्वास केंद्र में रहेंगे.

अब दोनों पूरी तरह हैं स्वस्थ : डॉ मिश्रा

बालेश्वर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी और अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी ने नवविवाहित बुजुर्ग दंपति के साथ ही कुष्ठ रोग उपचार केंद्र के कर्मचारियों तथा अन्य रोगियों को बधाई दी, जिन्होंने शुक्रवार को एक मंदिर में विवाह समारोह की व्यवस्था की. बालेश्वर के अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ मृत्युंजय मिश्रा ने कहा कि दोनों पूरी तरह स्वस्थ हो गये हैं और वह दूसरे लोगों की तरह खुशहाल और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं.

Also Read: Odisha Top News Today: सुस्मिता मिंज और एलिस नरमी लुगून की मौत की सीबीआइ जांच की मांग पर झामुमो का प्रदर्शन

कुष्ठ को लेकर सोच बदलने की जरूरत

बालेश्वर के एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन परीदा ने कहा कि रूढ़िवादी ग्रामीण समाज में एक वक्त में कलंक मानी जाने वाली इस बीमारी को लेकर अब भी लोगों की मानसिकता बदली नहीं है. इस वजह से आज भी लोगों को समाज से तिरस्कृत झेलना पड़ रहा है. ऐसे समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. कुष्ठ रोग के कलंक से लड़ना​​ इस आज की सबसे बड़ी जरूरत है. इन दृष्टिकोणों को बदलना और शीघ्र निदान और उपचार को बढ़ावा देना है.

Also Read: Odisha Top News: 10 और 11 नवंबर को मोटे अनाज पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए ओडिशा तैयार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें