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Aligarh News: अलीगढ़ में सारस का बढ़ा कुनबा, 112 से हुए 168

अलीगढ़ में सारस का कुनबा बढ़ गया है. सारस की संख्या 112 से 168 पहुंच गई है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल 56 सारस अधिक देखे गए.

Aligarh News: पर्यावरण मंत्रालय समेत पर्यावरण प्रेमियों की चिंता कम हुई है. राजकीय पक्षी सारस की संख्या अलीगढ़ में बढ़ी है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल 56 सारस अधिक देखे गए. सबसे ज्यादा सारस अकराबाद, जवां, शेखा झील पक्षी विहार और इसके पास नहर से सटे इलाके में पाए गए.

17 व 18 दिसंबर को हुई शीतकालीन गणना में सारस की संख्या 168 निकलकर आई. अलीगढ़ के अकराबाद, जवां, शेखा झील पक्षी विहार और इसके पास नहर से सटे इलाके में जियो टैगिंग के माध्यम से सारस की गिनती कराई गई. इसके लिए पूरे जनपद में तीन दर्जन से ज्यादा टीमों को लगाया गया था.

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2013 की शीतकालीन गणना में सारस की संख्या 407 थी. 2014 में 449 हो गई. वर्ष 2020 की शीतकालीन गणना में 112 ही सारस रह गए. 2021 की शीतकालीन गणना में सारसों की संख्या 168 पहुंच गई. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस साल 56 सारस बढ़े हैं.

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सारस से जुड़े तथ्य

सारस राजकीय पक्षी है. सारस प्रवासी नहीं होते. स्थायी रूप से एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं. सारस जीवन में एक बार ही जोड़ा बनाते हैं. एक के मरने के बाद सारस जीवनभर अकेले रहते हैं या याद में शरीर त्याग देते हैं.

रात को सोते समय एक सारस पहरेदारी देता है. अन्य सभी सो जाते हैं. पहरेदार सारस अपने एक पंजे में कंकड़ और दूसरे पंजे को नीचे रखता है. फिर कंकड़ को दूसरे पंजे से उठा लेता है. ऐसा इसलिए करते हैं कि नींद आने पर कंकड़ गिरे और अन्य सारस जग जाएं.

रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़

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