हिंदी के प्रसिद्ध लेखक विनोद कुमार शुक्ल को अंतरराष्ट्रीय साहित्य में योगदान के लिए 2023 का पेन पुरस्कार से दिये जाने की घोषणा की गयी है. दो मार्च को विनोद शुक्ल को न्यूयॉर्क के टाउन हॉल में 59वें वार्षिक पेन साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
पेन पुरस्कार के चयन मंडल में शामिल अमित चौधरी, रोया हाकाकियन और माजर मेंगिस्टे ने एक बयान जारी कर पुरस्कार की घोषणा की. ज्ञात हो कि पेन पुरस्कार प्रतिवर्ष एक ऐसे लेखक को प्रदान किया जाता है, जिनका कार्य उल्लेखनीय हो और जिनके लेखन में मौलिकता और सुंदर शिल्प हो.
विनोद कुमार शुक्ल हिंदी भाषा के जानेमाने कवि और उपन्यासकार हैं. वे मूलत: छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के रहने वाले हैं. उनकी लेखन शैली बिलकुल अलहदा है जिसकी वजह से उन्होंने पाठकों को प्रभावित किया. उनका पहला कविता संग्रह 1971 में प्रकाशित हुआ था जिसका नाम ‘लगभग जय हिंद’ था. वहीं 1979 में प्रकाशित ‘नौकर की कमीज़’ उपन्यास काफी चर्चित रहा.
विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी ‘ को साहित्य अकादमी’ पुरस्कार भी मिल चुका है. उन्होंने अपने लेखन की मौलिकता से हिंदी भाषा को काफी समृद्ध किया और अब उन्हें पेन पुरस्कार मिलना हिंदी भाषा के लिए सम्मान की बात है.
कविता संग्रह
लगभग जयहिंद, वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह, सब कुछ होना बचा रहेगा.
उपन्यास
नौकर की कमीज़, खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती थी , हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ .