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UP News: आगरा में ढोल-नगाड़ों के साथ मां दुर्गा की विदाई, हाथी घाट पर उमड़ा माता के विसर्जन का जुलूस

शारदीय नवरात्रों में आगरा के तमाम स्थानों पर स्थापित की गई देवी माता की मूर्तियों को विसर्जन करने के लिए हाथी घाट रोड पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. जिससे रोड पर सैकड़ो वाहन जाम में फंसे हुए दिखाई दिए.

आगरा शहर में शारदीय नवरात्रों पर तमाम स्थानों पर स्थापित की गई देवी माता की मूर्तियों को विसर्जन करने के लिए हाथी घाट रोड पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. जिससे रोड पर सैकड़ो वाहन जाम में भी फंसे हुए दिखाई दिए. हालांकि यातायात पुलिस जाम को खुलवाने में लगातार जुटी हुई थी. अगले साल मां के स्वागत की प्रतिज्ञा लेकर और अपनी मनोकामना पूर्ण करने का वरदान मांग कर भक्तों ने देवी मां को हाथी घाट व अन्य जगह पर बनाए गए प्राकृतिक कुंडों में विसर्जित कर दिया.

चिन्हित स्थानों पर हुई मूर्ति विसर्जन

शारदीय नवरात्रों की शुरुआत 15 अक्टूबर को हुई और 22 अक्टूबर को नवमी पूजन किया गया. ऐसे में आगरा शहर में जगह-जगह करीब 900 से ज्यादा देवी मां की मूर्तियां स्थापित की गई. 9 दिन तक शारदीय नवरात्रि होने के बाद भक्तजन देवी मां की मूर्ति को यमुना नदी में विसर्जित करते हैं. जिसके लिए नगर निगम द्वारा गणेश चतुर्थी की तरह आगरा के तीन प्रमुख घाटों पर प्राकृतिक कुंड बनाए गए थे. जिसमें विश्राम घाट, दशहरा घाट और हाथी घाट प्रमुख है. लोगों को पुलिस प्रशासन द्वारा निर्देश दिए गए थे की मूर्तियां सिर्फ नगर निगम द्वारा बनाए गए कुंडों में विसर्जित की जाएगी. अधिकतर लोग गणेश चतुर्थी पर गणपति की मूर्ति और नवरात्रों में देवी मां की मूर्ति को लोग विसर्जित करने के लिए अपने घर के पास स्थित यमुना किनारे पर पहुंचते हैं. लेकिन किसी भी दुर्घटना की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन ने चारों तरफ पुलिस को तैनात कर रखा था, जिससे कोई भी व्यक्ति चिन्हित किए गए घाट के अलावा कहीं और मूर्ति का विसर्जन करने ना जाए.

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हाथी घाट पर हुई सबसे अधिक मूर्तियों का विसर्जन

शहर की सर्वाधिक मूर्तियां आगरा के हाथी घाट पर विसर्जित की जाती हैं. नगर निगम ने गणेश चतुर्थी की तरह यहां पर दो कुंड का निर्माण किया. यह दोनों कुंड करीब 8 से 9 फीट गहरे थे और ढलानदार थे. जिससे कि इसमें छोटी से लेकर बड़ी-बड़ी मूर्तियां तक विसर्जित की जा सके. नगर निगम के कर्मचारी इन कुंडों के पास तैनात रहे जिससे कि कोई अप्रिय घटना न घट सके. भक्तों के हाथ से देवी मां की मूर्तियां लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने उन्हें कुंड में विसर्जित किया.

चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है, जय माता की और शेरावाली मां की जय के जयकारों के साथ भक्तजन सुबह 6:00 बजे से ही हाथी घाट पर मूर्ति विसर्जित करने पहुंच रहे हैं. मूर्ति विसर्जन जुलूस की वजह से हाथी घाट पर जाम की स्थिति से निपटने के लिए यातायात पुलिस द्वारा यातायात परिवर्तन किया गया था जो 4:00 बजे से लागू हुआ. हालांकि इससे पहले अन्य वाहन भी हाथी घाट रोड की तरफ जा रहे थे. ऐसे में निकलने वाले जुलूस के चलते काफी लंबा जाम लग गया. और तमाम लोगों को जाम में से निकलने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ी.

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