कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र में केंद्र के कृषि कानून के विरोध में प्रस्ताव लाये जाने की राज्य सरकार की मंशा का भाजपा ने तीव्र विरोध किया है. प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार न तो लोकतंत्र मानती है, न ही संघीय ढांचे को.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में प्रस्ताव लाया जाना असंवैधानिक है. भाजपा इसका विरोध करती है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल में काफी पहले से ठेके पर खेती चल रही है. राज्य में कई कंपनियां इससे जुड़ी हैं. सरकार इसे अपनी सफलता के तौर पर भी दिखाती है. फिर वह केंद्रीय कृषि कानून का विरोध कैसे कर सकती है?
राज्य के 80 फीसदी कृषकों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं. राज्य में किसानों की स्थिति बेहद दयनीय है. तृणमूल सरकार ने राज्य के किसानों के धान के क्रय करने में आज तक क्या मौलिक परिवर्तन लाया है? राज्य सरकार किसानों की स्थिति में कितना बदलाव लायी है? किसान इस कृषक विरोधी तृणमूल सरकार को जवाब देंगे.
स्वास्थ्य साथी योजना को असफल बताते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल इस कार्ड को स्वीकार नहीं कर रहे. जिलों में प्रशासनिक अधिकारी अस्पतालों से केवल तीन महीने तक के लिए कार्ड स्वीकार करने का अनुरोध कर रहे हैं.
इधर, मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा के लिए केंद्र की किसानों के प्रति उदासीनता और असंवेदनशील रवैया जिम्मेदार है. इस घटना से उन्हें बहुत सदमा पहुंचा है. उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह किसानों के साथ बातचीत करे और कृषि कानून को वापस ले.
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उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली की सड़कों पर हुई चिंताजनक और तकलीफदेह घटनाओं से वह बहुत दुखी हैं. गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर रैली का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था. सुश्री बनर्जी ने कहा कि पहले तो किसानों को विश्वास में लिये बगैर कानून को लागू किया गया और इसके खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के प्रति केंद्र सरकार उदासीन बनी हुई है.
Posted By : Mithilesh Jha